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Hindi Newsएंटरटेनमेंट न्यूज़बॉलीवुडSukhwinder Singh Denies Ram Gopal Varma Claim That He Composed Jai Ho Not AR Rahman Read Interesting Story Behind Jai Ho

सुखविंदर सिंह ने राम गोपाल वर्मा के दावों का किया खंडन, बताई 'जय हो...' गाना बनने के पीछे की दिलचस्प कहानी

  • हाल ही में एक इंटरव्यू में फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा के एक सनसनीखेज दावों ने इंटरनेट को भी कंफ्यूज कर दिया है। ऐसे में खुद सुखविंदर सिंह ने सामने आकर इस पूरे मामले का सच बताया है।

Priti Kushwaha लाइव हिन्दुस्तानSat, 20 April 2024 05:07 PM
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बॉलीवुड के कई ऐसे गाने हैं जिन्होंने इतिहास रच दिया है। एक ऐसा ही गाना है 'जय हो...'। बीते दिनों इस बात को लेकर लंबी बहस छिड़ी थी कि 'जय हो...' की रचना किसने की? किसी ने कभी नहीं सोचा था कि ऐसी बहस होगी, जबकि उस्ताद एआर रहमान को हमेशा इस गाने के लिए श्रेय दिया जाता रहा है। लेकिन हाल ही में एक इंटरव्यू में फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा के एक सनसनीखेज दावों ने इंटरनेट को भी कंफ्यूज कर दिया है। उन्होंने कहा कि गायक सुखविंदर सिंह, जिन्होंने जय हो भी गाया है और इसके धुन भी कंपोज किए हैं। इसके बाद भी रहमान को इसका क्रेडिट दिया जा रहा है। ऐसे में खुद सुखविंदर सिंह ने सामने आकर इस पूरे मामले का सच बताया है। सुखविंदर ने राम गोपाल वर्मा के बयान का खंडन किया है।

शायद उन्हें कुछ गलत पता चला होगा

गायक सुखविंदर सिंह ने एचटी सिटी को दिए इंटरव्यू में फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा के सभी दावों का खंडन किया है कि उन्होंने स्लमडॉग मिलियनेयर से जय हो की रचना की है। सुखविंदर ने कहा, 'एआर रहमान ने उस गीत की रचना की है, मैंने इसे केवल गाया है। राम गोपाल वर्मा जी कोई छोटी हस्ती तो नहीं है, शायद उन्हें कुछ गलत पता चला होगा।' इसके बाद सुखविंदर ने कहा, 'गुलज़ार साहब ने यह गाना लिखा था, रहमान को यह पसंद आया। फिर उन्होंने मुंबई के जुहू स्थित मेरे स्टूडियो में इसे कंपोज किया। उन्होंने इसे सुभाष जी को सुनवाया। मैंने उस समय तक गाना नहीं गाया था।'

 किरदार पर फिट नहीं बैठ रहा था गाना

इसके बाद सुखविंदर ने बताया, 'सुभाष घई ने गाने की प्रशंसा करते हुए कहते हैं, वह इसे अपनी फिल्म के लिए नहीं चाहते थे। क्योंकि वो जिस किरदार के लिए इस गाने को चाहते थे ये उसपर फिट नहीं बैठ रहा था। वो एक शरारती किरदार था जिसके लिए वो एक अलग गाना चाहते थे। उन्होंने रहमान से जोर देकर कहा कि ये एक अच्छा गाना है। इस पर मैंने भी कहा, 'थोड़ा बदल दो', लेकिन सुभाष जी ने कहा कि पूरा गाना ही अलग चाहिए। फिर वह चले गए, रहमान चले गए। मैंने गुलज़ार साहब से 10-15 मिनट रुकने का अनुरोध किया। मैंने उन्हें कहा कि आपने इस गाने को लिखा है तो कोई बात नहीं एक बार मुझे इसे गाने की कोशिश करने दीजिए। इसके बाद मैंने इसे नाचते कूदते हुए गा दिया। ये वहीं 'जय हो...' गाना है जिसे आप सुनते हैं। इसके बाद मैंने इसे रहमान साहब को भेजा, जिन्होंने इसे स्लमडॉग मिलियनेयर के निर्देशक को भी सुनाया उन्होंने अपना वादा निभाया और युवराज के लिए सुभाष जी को एक और गाना दिया।' 

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