काकुड़ा फिल्म के पीछे की सच्ची कहानी, निर्देशक ने बताया सचमुच है ऐसा गांव जहां..
- Kakuda real story: फिल्म काकुड़ा के निर्देशक आदित्य सरपोत्दार ने बताया कि फिल्म की कहानी लिखने वाले राइटर अविनाश द्विवेदी को यह आइडिया कैसे मिला था।
ओटीटी प्लेटफॉर्म जी-5 पर रिलीज हुई फिल्म 'काकुड़ा' को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। फिल्म की कहानी 'काकुड़ा' नाम के एक ऐसे पिशाच के बारे में है जिसका श्राप इंसान को कुबड़ा बना देता है और फिर ठीक 13 दिनों तक दर्द से तड़पने के बाद उसकी मौत हो जाती है। फिल्म में दिखाया गया है 'काकुड़ा' के डर से हर घर के 2 दरवाजे बनाए गए हैं। पहला जिसे आम लौग इस्तेमाल करते हैं और दूसरा छोटा दरवाजा है जिसे हर इंसान को शाम के सवा सात बजे खोलकर बैठना होता है, वरना उस घर के मर्द पर 'काकुड़ा' का कहर टूटता है।
लोककथा का अपना खुद का एक वर्जन
क्या आप जानते हैं कि फिल्म की कहानी के पीछे जो इंस्पिरेशन है वो काफी हद तक रीयल है। फिल्म के निर्देशक आदित्य सरपोत्दार इससे पहले 'मुंज्या' और 'जॉम्बीवली' जैसी फिल्में बना चुके हैं। सोनाक्षी सिन्हा और रितेश देशमुख स्टारर फिल्म 'काकुड़ा' के बारे में आदित्य ने बताया कि जब भी कोई फिल्ममेकर अपना नया प्रोजेक्ट प्लान करता है तो उसके पीछे विजन हमेशा एक नई दुनिया रचने का होता है। जॉम्बीवली में हम जॉम्बीज़ को जिंदा कर रहे थे और मुंज्या में हमने कोंकड़ की एक लोककथा के मॉन्सटर को दिखाया। इसी तरह हमने 'काकुड़ा' में अपनी लोककथा का अपना खुद का ही एक वर्जन तैयार कर लिया।
काकुड़ा फिल्म के पीछे की सच्ची कहानी
डायरेक्टर आदित्य ने बताया कि फिल्म का आइडिया हमारे राइटर अविनाश द्विवेदी की तरफ से आया था जिन्होंने सचमुच एक ऐसा गांव देखा जिसमें हर घर के दो दरवाजे थे। इस लोककथा के पीछे का उनका रेफरेंस इतना दिलचस्प था कि हमें फौरन इस गांव और कहानी पर एक फिल्म बनाने की संभावना नजर आई। तो काकुडा का आइडिया यहां से आया था। जाहिर है कि गांव के नाम (रतौड़ी) से लेकर फिल्म के किरदार और भी ढेरों चीजें काल्पनिक हैं लेकिन फिल्म की कहानी का आइडिया काफी हद तक रीयल चीजों से लिया गया है।
कैसा रहा काकुड़ा पर पब्लिक रिस्पॉन्स?
फिल्म की बात करें तो 'काकुड़ा' एक लाइट कॉमेडी मूवी है जिसमें हॉरर भी है। बच्चों के साथ देखने के लिहाज से फिल्म अच्छी है और परिवार के साथ एक मस्ती भरा वक्त बिताने का मौका देती है। फिल्म को IMDb पर 10 में से 5.6 रेटिंग मिली है। फिल्म की कहानी फनी और इंगेजिंग है लेकिन बीच-बीच में कई जगहों पर यह काफी प्रेडिक्टेबल हो जाती है। सोनाक्षी सिन्हा और रितेश देशमुख का काम दमदार है। फिल्म में सोनाक्षी फिर एक बार डबल रोल प्ले करती नजर आई हैं, लेकिन उन्होंने दोनो किरदार अच्छे से साधे हैं।
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