दिलजीत को 8 साल की उम्र में हुआ था प्यार, फ्रिज से चुराए दो केले, बनाया घर से भागने का प्लान
- दिलजीत दोसांझ ने बताया कि वह सिर्फ 8 साल के थे जब उनके सीनियर्स के कहने पर उन्होंने जाकर एक लड़की से कह दिया था कि 'हम दोनों शादी करेंगे'। गड़बड़ तब हो गई जब उस लड़की ने जाकर टीचर से शिकायत कर दी।
सिंगर-एक्टर दिलजीत दोसांझ ने एक पॉडकास्ट में बताया कि कैसे वो सिर्फ 8 साल की उम्र में अपने घर से भाग गए थे। एक्टर ने बताया कि उन्होंने अपने स्कूल की एक लड़की के प्यार में पड़कर घर से भाग जाने का फैसला लिया था। इसी लड़की के चक्कर में वह अपने घरवालों से यह झूठ भी बोला करते थे कि वो स्कूल जा रहे हैं, जबकि वो बंक मारा करते थे। दिलजीत दोसांझ शुरू में पंजाबी फिल्मों में नजर आया करते थे लेकिन पिछले कुछ सालों में उनकी बॉलीवुड में मौजूदगी तेजी से बढ़ी है। हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हई उनकी फिल्म 'चमकीला' सुपरहिट रही थी।
सीनियर्स के कहने पर किया था लड़की को प्रपोज
दिलजीत दोसांझ ने राज शिमानी के साथ बातचीत में कहा कि मुझे लगा कि यही दुनिया का अंत है। एक्टर ने अपने बचपन के किस्से सुनाते हुए कहा, "मैंने सिर्फ 8 साल की उम्र में अपने घर से भागने की कोशिश की थी। मेरे स्कूल में एक लड़की थी जिसकी वजह से मैं घर से भाग गया था। जब मैं स्कूल में था तो मेरे सीनियर्स रैंडमली हमसे पूछा करते थे कि तेरे को कौन सी लड़की पसंद है। मैंने एक लड़की की तरफ इशारा करते हुए कहा- वो वाली। तो मेरे सीनियर्स ने कहा कि जाकर उससे अपने दिल की बात कह दो और फिर तुम्हारी शादी उसी से होगी।"
बस दो केले लेकर घर से भागने वाले थे दिलजीत
दिलजीत दोसांझ ने कहा कि मुझे लगा कि चलो ठीक है। मैं उस लड़की के पास गया और उससे कहा कि मैं और तुम शादी करेंगे। उसने जाकर मेरे टीचर से शिकायत कर दी और मेरे टीचर ने कहा कि जाकर अपने मम्मी-पापा को बुलाकर लाओ। मेरे लिए तो जैसे वो दुनिया का अंत था। इसके बाद दिलजीत दोसांझ ने बताया कि कैसे उन्होंने घर से भागने की तैयारी की और किस तरह उनके घर से भागने की प्लानिंग सबके सामने आई। उन्होंने बताया, "मैं घर गया, फ्रिज खोला। उसमें से दो केले उठाए, कुछ फल लिए, अपनी साइकिल उठाई और चला गया।"
पेट दर्द का बहाना करके घर पर रुक गए, फिर...
दिलजीत दोसांझ ने बताया कि मैं बस अपने घर से पांच मिनट दूर ही पहुंचा था कि एक गांव वाले ने चिल्लाकर कहा कि कहां जा रहे हो? जाओ वापस अपने घर जाओ। उस वक्त में ऐसा नहीं था कि आपके घरवालों के अलावा आप पर कोई चिल्ला नहीं सकता था। तब गांव में बहुत आम होता कि कोई भी गांव वाला बच्चो पर चिल्ला देता था और उन्हें डांट देता था। वो हमारे आम परिवारों की तरह होते थे। कई बार तो वो थप्पड़ भी मार देते थे। तो इस बंदे ने मुझे वापस घर भेज दिया। अगले दिन मैंने पेट दर्द का बहाना कर दिया और स्कूल नहीं गया। फिर टीचर्स ने भी मुझे माफ कर दिया।
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