असली कौन, नकली कौन? अपनी ही पहचान साबित करने को संघर्ष कर रहे पूर्व CM, चुनाव में खड़े हुए 5 OPS
Lok Sabha Election: 2022 में AIADMK से निष्कासित किए जा चुके ओ पन्नीरसेल्वम ने लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया है। एक तरह से वह एनडीए के उम्मीदवार हैं और पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम (OPS) इन दिनों अपने ही नाम को लेकर एक नई तरह की जंग लड़ रहे हैं और यह साबित करने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं कि वही असली OPS हैं। इससे पहले उन्होंने जयललिता की पार्टी AIADMK के असली प्रमुख के रूप में पहचाने जाने के लिए लड़ाई लड़ी लेकिन ई पलानीस्वामी से यह जंग हार गए। अब, पूर्व मुख्यमंत्री को लोकसभा चुनावों में यह साबित करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है कि वही "असली OPS" हैं।
दरअसल, वह रामनाथपुरम निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला अपने ही नाम के उन चार अन्य उम्मीदवारों से है, जिसने उसी निर्वाचन क्षेत्र से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपना-अपना नामांकन दाखिल किया है। यानी रामनाथपुरम संसदीय सीट पर चुनावी लड़ाई OPS vs OPs vs OPS vs OPS vs OPS हो गई है।
2022 में AIADMK से निष्कासित किए जा चुके ओ पन्नीरसेल्वम ने लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन किया है। एक तरह से वह एनडीए के उम्मीदवार हैं। वह पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला उन्हीं के नाम के 42 वर्षीय व्यक्ति ओ पनीरसेल्वम से है, जो मदुरै जिले के उसिलामपट्टी तालुक के निवासी हैं और उन्होंने भी रामनाथपुरम निर्वाचन क्षेत्र से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है।
इनके अलावा तीन अन्य ओपीएस भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं। चार OPS में से एक उसिलामपति, दूसरा कट्टूर और दो मदुरै के निवासी हैं। एक के मामले में, मूल ओपीएस के साथ समानता और गहरी हो जाती है क्योंकि उनके पिता का नाम एक समान है।
73 वर्षीय पूर्व सीएम ओपीएस के खिलाफ 61 साल के एक ऐसे ओपीएस खड़े हैं, जिनके पिता का नाम ओटचाथेवर है, जबकि पूर्व सीएम के पिता का नाम ओट्टाकारथेवर है। पन्नीरसेल्वम नाम तमिल में आम है, लेकिन 'ओ' से शुरू होने वाला नाम दुर्लभ है। तीन अन्य पन्नीरसेल्वम क्रमशः ओटचप्पन, ओय्याराम और ओय्याथेवर के बेटे हैं। इंडियन एक्सप्रेस से एक अधिकारी ने कहा, नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन यानी बुधवार तक उम्मीदवारों की सूची में दो और ओपीएस जुड़ सकते हैं। तब लड़ाई सात ओपीएस के बीच हो जाएगी। फिलहाल वहां से 11 लोगों ने अभी तक नामांकन दर्ज किया है।
तमिलनाडु में 1991 के लोकसभा चुनाव में भी ऐसा ही हुआ था, जब AIADMK ने अरवाकुरिची निर्वाचन क्षेत्र में मारियामुल एशिया को मैदान में उतारा था। तब राजनीतिक विरोधियों ने मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए उसी नाम से 300 से अधिक उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया था। हालांकि, मारियामुल एशिया ने आरामदायक अंतर से जीत हासिल कर ली थी।
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