विदिशा में होगा 'मामा' vs 'दादा', शिवराज सिंह चौहान के सामने कांग्रेस ने चला 39 साल पुराना दांव
चार बार इस संसदीय क्षेत्र से सांसद रह चुके शिवराज चौहान जहां पूरे राज्य में 'मामा' के नाम से पहचाने जाते हैं, वहीं पीबी शर्मा ने सांसद रहते हुए पूरे संसदीय क्षेत्र में 'दादा' के नाम से पहचान बनाई है।
मध्यप्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित सीटों में से एक, भारतीय जनता पार्टी के गढ़ के नाम से प्रचलित विदिशा यूं तो इस बार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम भाजपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद से ही सबकी नजरों में थी, लेकिन कांग्रेस ने यहां से एक बार फिर पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा पर दांव खेल कर इसे और चर्चाओं का केंद्र बना दिया।
चार बार इस संसदीय क्षेत्र से सांसद रह चुके चौहान जहां पूरे राज्य में 'मामा' के नाम से पहचाने जाते हैं, वहीं शर्मा ने सांसद रहते हुए पूरे संसदीय क्षेत्र में 'दादा' के नाम से पहचान बनाई है। ऐसे में अब ये चुनाव मामा और दादा के बीच की जंग का सामना कर रहा है। ये संसदीय क्षेत्र इसके पहले भी अपने दिग्गज प्रत्याशियों के चलते देश भर में सुर्खियां बटोर चुका है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस संसदीय क्षेत्र का संसद में प्रतिनिधत्वि कर चुके हैं।
लगभग तीन दशक से भी ज्यादा समय से भाजपा का अभेद किला बने हुए इस क्षेत्र में पिछले चुनाव में पार्टी प्रत्याशी रमाकांत भार्गव ने लगभग पांच लाख से भी अधिक मतों से कांग्रेस प्रत्याशी शैलेद्र पटेल को पराजित किया था। ऐसे में अब सबकी निगाहें इस बार यहां से जीतने वाले प्रत्याशी और उनकी जीत के अंतर पर टिकी हुई हैं।
विदिशा लोकसभा में आठ विधानसभाएं हैं, जिनमें भोजपुर, सांची, सिलवानी, विदिशा, बासौदा, बुधनी, इछावर और खातेगांव शामिल हैं। इनमें से सिलवानी को छोड़कर अन्य सभी पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है। विदिशा लोकसभा सीट में रायसेन, विदिशा, सीहोर और देवास जिले के हिस्सों को शामिल किया गया है।
ये क्षेत्र सांची के स्तूपों के चलते देश-दुनिया में विख्यात है। वहीं भोजपुर का विशाल शिव मंदिर अपने ऐतिहासिक महत्व के चलते देश के चुनिंदा शिव मंदिरों में शामिल है। समूचे लोकसभा क्षेत्र में भाजपा की ओर से प्रचार का मैदान चौहान ने स्वयं संभाला हुआ है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान चौहान की राज्य भर में लोकप्रियता के बाद अब वे लगातार स्थान-स्थान पर न केवल अपने ही संसदीय क्षेत्र में महिलाओं के बीच चुनाव प्रचार करते देखे जा रहे हैं, बल्कि कई बार दूसरे संसदीय क्षेत्रों में भी उन्हें दूसरे प्रत्याशियों के लिए वोट की अपील करते हुए भी देखा जा रहा है।
वहीं, कांग्रेस की ओर से शर्मा स्वयं चुनाव की कमान संभाले हुए हैं। दोनों ही दलों की ओर से इस संसदीय क्षेत्र में अब तक किसी राष्ट्रीय स्तर के नेता की कोई चुनावी सभा नहीं हुई है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र के पिपरिया में की अपनी चुनावी सभा के दौरान मंच पर उपस्थित चौहान को विदिशा संसदीय क्षेत्र से भारी मतों से जिताने की मतदाताओं से अपील की थी।
अपेक्षाकृत ग्रामीण मानी जाने वाली इस लोकसभा सीट पर कुल 19 लाख 19 हजार 785 मतदाता हैं, जिनमें से 9 लाख 96 हजार 48 पुरुष और 9 लाख 23 हजार 689 महिलाएं हैं। अन्य मतदाताओं की संख्या 48 है। यहां सात मई को मतदान होना है। यहां से कुल 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।
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