अनंतनाग-राजौरी से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे गुलाम नबी आजाद, किससे होगी टक्कर?
जेकेएपी और डीपीएपी ने मंगलवार को कहा कि वे आगामी लोकसभा चुनावों के लिए केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव पूर्व गठबंधन के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ चर्चा को तैयार हैं।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र से आगामी लोकसभा चुनाव 2024 लड़ेंगे। उनकी पार्टी डीपीएपी ने मंगलवार को ये जानकारी दी। बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने 2022 में कांग्रेस छोड़ दी थी और पार्टी के साथ अपने पांच दशक लंबे सफर को खत्म कर दिया था। कांग्रेस छोड़ने के बाद आजाद ने अपना खुद का राजनीतिक संगठन-डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) बनाया।
डीपीएपी नेता ताज मोहिउद्दीन ने यहां संवाददाताओं से कहा, "आज डीपीएपी की कोर कमेटी की बैठक हुई और हमने फैसला किया है कि (पार्टी अध्यक्ष) गुलाम नबी आजाद अनंतनाग-राजौरी सीट से चुनाव लड़ेंगे।" 2014 में उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा नेता जितेंद्र सिंह से हारने के बाद आजाद के लिए यह पहला लोकसभा चुनाव होगा।
जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) ने मंगलवार को कहा कि वे आगामी लोकसभा चुनावों के लिए केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव पूर्व गठबंधन के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ चर्चा को तैयार हैं। हालांकि, अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व वाली जेकेएपी ने वैचारिक मतभेदों के कारण भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से इनकार किया है।
अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना पर मोहिउद्दीन ने कहा कि उस मोर्चे पर कोई प्रगति नहीं हुई है। उन्होंने कहा, "हमारे पास समय की कमी है और बातचीत में ज्यादा प्रगति नहीं हुई है। इसलिए बेहतर होगा कि वे अपना काम करें और हम अपना काम करें। उन्हें किसी भी सूरत में अनंतनाग सीट में कोई दिलचस्पी नहीं थी।"
मोहिउद्दीन ने कहा कि कश्मीर की अन्य लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का फैसला उचित समय पर किया जाएगा। डीपीएपी के मुख्य प्रवक्ता सलमान निजामी ने कहा कि समान विचारधारा वाली पार्टियों से चर्चा अभी शुरुआती स्तर पर है। उन्होंने कहा, ‘‘अंतिम फैसला आने वाले दिनों में डीपीएपी अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद लेंगे।’’
केंद्रशासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर में कुल 5 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से एक है अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट है। लोकसभा चुनाव 2019 में इस सीट पर जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रत्याशी हसनैन मसूदी को जीत हासिल हुई थी, और उन्हें 40180 वोट हासिल हुए थे। कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी।
इस बार नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट से पार्टी के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद लाहरवी की उम्मीदवारी की घोषणा की है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ गठबंधन की संभावना लगभग खत्म हो गई है। अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट महबूबा मुफ्ती का गृह निर्वाचन क्षेत्र है।
महबूबा मुफ्ती ने 2014 में सीट जीती थी। उनके पिता और पीडीपी संस्थापक, दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद भी 1998 में तत्कालीन अनंतनाग सीट से विधायक रहे हैं, हालांकि उन्होंने तब कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।
पहले अनंतनाग के नाम से जानी जाने वाली सीट को 2022 के परिसीमन अभ्यास में पुंछ और राजौरी जिलों को भी इसमें शामिल किए जाने के बाद अनंतनाग-राजौरी नाम दिया गया था। दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग क्षेत्र मुस्लिम बहुल है, वहीं पुंछ और राजौरी जिलों में बड़ी संख्या में गुज्जर और पहाड़ी आबादी है। लाहरवी एक प्रमुख गुज्जर धार्मिक नेता हैं।
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