AFG vs NZ टेस्ट में ये क्या चल रहा? शामियाने से लेकर बरसाती हुई इस्तेमाल, DDCA ने कवर तो UPCA ने भेजे सुपर सोपर
- अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच ग्रेटर नोएडा में दूसरे दिन भी खेल नहीं हो सका। ऐसे में स्टेडियम सवालों के घेरे में है। मंगलवार को आसमान साफ था लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद मैदान को खेलने लायक नहीं बनाया जा सका।
आउटफील्ड ढकने के लिए शामियाने का इस्तेमाल, गीली आउटफील्ड सुखाने के लिए इलेक्ट्रिक पंखे, डीडीसीए से ग्राउंड कवर उधार और यूपीसीए से उधार पर सुपर सोपर लेने के बावजूद ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट में दूसरे दिन का खेल नहीं होने से काफी किरकिरी हुई है। शहीद विजय सिंह पथिक खेल परिसर में लगातार दूसरे दिन एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी जिससे इस स्टेडियम पर प्रश्नचिन्ह लगे हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी हो रही है सो अलग।
मैदान को खेलने लायक नहीं बनाया जा सका
दोनों टीमों के बीच पहली बार हो रहा टेस्ट सोमवार से शुरू होना था लेकिन खिलाड़ियों की सुरक्षा का हवाला देकर अंपायरों ने पहले दिन का खेल रद्द कर दिया। सोमवार को शाम को एक घंटे बूंदाबांदी को छोड़कर बारिश नहीं हुई लेकिन मंगलवार को खेल की शुरुआत पर असर पड़ा। खेल सुबह आधा घंटा पहले शुरू होना था। आसमान साफ था लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद मैदान को खेलने लायक नहीं बनाया जा सका। मैदानकर्मी अभ्यास परिसर से सूखी घास लाकर मिडऑन और मिडविकेट क्षेत्र में लगाने की कोशिश कर रहे थे। ऑफ साइड में तीन टेबल फैन भी लगाए गए ताकि उसे सुखाया जा सके।
DDCA ने कवर तो UPCA ने भेजे सुपर सोपर
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी भी मौजूद थे जिनकी देखरेख में काम हो रहा था। अंपायरों ने तीन बार मुआयने के बाद दूसरे दिन का भी खेल रद्द कर दिया। स्टेडियम अधिकारियों के अनुसार मैदान में पांच सुपर सोपर (तीन स्वचलित) लगाए गए लेकिन काम नहीं बना। सूत्रों की मानें तो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) से दो सुपर सोपर मांगे थे जो मेरठ स्टेडियम से भेजे गए। दिन में विवाह में इस्तेमाल होने वाले पारंपरिक शामियाने का इस्तेमाल आउटफील्ड ढंकने के लिए किया गया और शाम को बरसाती लगाई गई। कोटला से डीडीसीए अधिकारियों ने आउटफील्ड कवर भेजे।
एसीबी ने लॉजिस्टिक कारणों से ग्रेटर नोएडा चुना
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास कुशल मैदानकर्मी भी नहीं थे जिसकी वजह से मजदूरों को काम पर लगाया गया। बीसीसीआई ने अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड को कानपुर, बेंगलुरु और ग्रेटर नोएडा के विकल्प दिए थे। एसीबी ने लॉजिस्टिक कारणों से ग्रेटर नोएडा को चुना। एसीबी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैनेजर मिन्हाज राज ने कहा, ‘‘यह हमेशा से अफगानिस्तान का घरेलू मैदान रहा है। हम 2016 से यहां खेल रहे हैं । बारिश के कारण यह सब हुआ । हमने यहां स्थानीय टीम के खिलाफ तीन दिवसीय मैच भी खेला है जिसमें कोई मसला नहीं आया था।’’ अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड यहां 11 सीमित ओवरों के मैचों की मेजबानी कर चुका है। इसके अलावा उन्होंने देहरादून में भी मैच खेले हैं।
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