विराट कोहली के लिए सबसे खराब रहा 2024, 25 साल का रिकॉर्ड टूटा; टेस्ट करियर पर लग सकता है पूर्ण विराम
- विराट कोहली के लिए साल 2024 सबसे खराब रहा। 25 साल का रिकॉर्ड भी टूट गया। ऐसे में उनके टेस्ट करियर पर ब्रेक लग सकता है। यहां तक कि उनके करियर में कोई भी ऐसा साल नहीं रहा, जहां उनका औसत 25 से कम का रहा हो।
विराट कोहली के लिए साल 2024 बहुत ही ज्यादा घटिया रहा है। रोहित शर्मा के लिए तो फिर भी आधा हाफ अच्छा था, लेकिन विराट इस पूरे साल संघर्ष करते नजर आए। विराट कोहली के करियर में किसी भी साल औसत 30 से कम नहीं रहा, लेकिन 2024 में ऐसा हो गया है। यहां तक कि वे 22 के औसत से भी रन पूरे साल नहीं बना पाए हैं। टी20 वर्ल्ड कप 2024 फाइनल की पारी को छोड़ दें तो पूरे साल उनका बल्ला खामोश ही रहा है। ऐसे में उनके टेस्ट करियर पर ब्रेक लग सकता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि टॉप 7 में बल्लेबाजी करते हुए कम से कम 30 पारियां खेलने वाले बल्लेबाजों का सबसे कम औसत साल में नयन मोंगिया का रहा है। उन्होंने 1996 में महज 21.20 के औसत से रन बनाए थे। विराट कोहली का औसत 2024 में 21.83 का रहा है। इसके अलावा 1999 में रोबिन सिंह ने 24.25 के औसत से रन बनाए थे। ऐसे में 25 साल के बाद किसी बल्लेबाज का औसत 25 से कम का देखने को मिला है। केएल राहुल का नाम भी इस लिस्ट में है। वे 2022 में 25.68 के औसत से रन बना सके थे। 2012 में वीरेंद्र सहवाग का औसत 25.90 का था और रोहित शर्मा का औसत 26.22 का 2022 में रहा।
कोहली ने इस साल का अंत 21.83 औसत के साथ किया, जो किसी भी साल में उनका सबसे कम औसत तीनों फॉर्मेट की क्रिकेट को मिलाकर है। इसके अलावा करियर के शुरुआती साल में उनका औसत 31.80 का था, लेकिन इससे कम कभी भी उनका औसत 16 साल के करियर में नहीं रहा। 2016 में तो उनका औसत 86.50 का था, लेकिन 2024 और 2008 को छोड़ दें तो कभी भी औसत 35 या इससे कम का नहीं रहा, जो दर्शाता है कि उनके टेस्ट करियर के दिन भी आखिरी हैं। उम्मीद की जा रही है कि मेलबर्न टेस्ट ही विराट कोहली का आखिरी हो सकता है और ज्यादा से ज्यादा सिडनी में वे खेल सकते हैं।
विराट की कमजोरी
टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली की कमजोरी इस बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में ये दिखी है कि वे चौथे-पांचवें यहां तक कि छठे स्टंप की गेंद पर भी आगे बल्ला निकलाकर मार रहे हैं और उस केस में वे स्टंप्स के पीछे या स्लिप में आउट हो रहे हैं। इस बीजीटी में आधा दर्जन बार ऐसा हो चुका है। शुरुआत में थोड़ा सा अनुशासन उन्होंने मेलबर्न में दिखाया, लेकिन आखिर में उसी लेंथ और उसी क्षेत्र में वे आउट हो गए। पर्थ के शतक को छोड़ दें तो वे इस पूरी सीरीज में बुरी तरह फ्लॉप रहे हैं।
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