रणजी ट्रॉफी छोड़ने पर क्या विराट कोहली और रोहित शर्मा का होगा वही हाल, जो अय्यर-ईशान का हुआ? जानिए
- डोमेस्टिक क्रिकेट छोड़ने पर क्या विराट कोहली और रोहित शर्मा का भी वही हाल होगा, जो अय्यर-ईशान का हुआ? इसका जवाब है नहीं, क्योंकि अब बोर्ड ने ऐसा कोई फरमान नहीं सुनाया है। इस बार भी वे छूट पाएंगे।
सिडनी टेस्ट मैच में जब टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार मिली तो पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर और इरफान पठान ने भारतीय टीम मैनेजमेंट को खरी-खोटी सुनाई थी। उन्होंने कहा था कि जो भी खिलाड़ी फॉर्म में नहीं है, उसे घरेलू क्रिकेट खेलने के लिए कहा जाए। यहां तक कि बीसीसीआई ने काफी समय पहले सभी खिलाड़ियों के लिए डोमेस्टिक क्रिकेट के मैंडेटरी किया हुआ है, लेकिन रोहित शर्मा और विराट कोहली को इसमें छूट दी जाती रही है। क्या इस बार खराब फॉर्म में होने के बावजूद भी उनके साथ यही रवैया बोर्ड अपनाएगा? ये एक सवाल है, क्योंकि श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को मैच मिस करने पर सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया गया था।
शनिवार को मुंबई में बीसीसीआई अधिकारियों के बीच समीक्षा बैठक के दौरान घरेलू क्रिकेट को और भी प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर चर्चा हुई। इसके साथ ही यह सवाल उठने लगा कि 2024/25 रणजी ट्रॉफी का दूसरा भाग 23 जनवरी से शुरू होने वाला है, क्या विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी, जिनके बारे में ये बयान दिए गए थे, वे इस टूर्नामेंट में खेलेंगे? श्रेयस और ईशान ने ऐसा नहीं किया था तो उनको सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया गया था। ऐसे में क्या यही ट्रीटमेंट विराट कोहली और रोहित शर्मा के साथ होगा?
हालांकि, सोमवार को हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोहली और रोहित के टेस्ट भविष्य पर अनिश्चितता के बीच अगर वे रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट में नहीं खेलते हैं तो उनके लिए भी यही फैसला आने की संभावना नहीं है। साफ है कि अगर वे रणजी नहीं खेलते तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। रिपोर्ट में कहा गया है, "कोहली के मामले में बोर्ड के भीतर एक मजबूत राय है कि अगर वह खेलना चाहते हैं तो उन्हें पहले की तरह ही शानदार बल्लेबाजी करनी चाहिए और इसके लिए बेसिक्स पर वापस लौटना जरूरी हो सकता है।"
चयनकर्ताओं के साथ चर्चा से अवगत एक बोर्ड अधिकारी ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया दौरे में भारत के खराब बल्लेबाजी प्रदर्शन के मद्देनजर घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता देने का मौजूदा कदम कोई 'आदेश' नहीं है, लेकिन रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, "अगर खिलाड़ी वैलिड मेडिकल या फिटनेस कारणों के बिना रणजी ट्रॉफी नहीं खेलते हैं, तो इसका असर उनके भविष्य के भारतीय चयन पर पड़ेगा।" उनके सिलेक्टर, मेडिकल टीम और कोच से अनुमति लेनी होगी।
अभी ऐसा नहीं, लेकिन तब ये एक 'फरमान' क्यों था, जब श्रेयस और ईशान को सजा मिली, जिसका खामियाजा वे आज तक भुगत रहे हैं। बता दें कि कोहली और रोहित दोनों सितंबर में दलीप ट्रॉफी में खेलने वाले थे, क्योंकि वे लंबे समय से रेड बॉल क्रिकेट नहीं खेले थे। हालांकि, बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले वे एक भी मैच टी20 वर्ल्ड कप के बाद रेड बॉल का नहीं खेले। इसके बाद विराट और रोहित का प्रदर्शन कैसा रहा है, ये सभी को पता है। बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, "आत्मविश्वास हासिल करने के लिए क्रीज पर समय बिताने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। यह खिलाड़ी पर निर्भर करता है कि वह कितना भी अनुभवी क्यों ना हो।"
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