IPL डेब्यू पर किसके बल्ले से खेले वैभव सूर्यवंशी? इस डिमांड को ठुकराया, एक कसम भी खाई- VIDEO
- वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल डेब्यू पर खूब वाहवाही बटोरी। उन्होंने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ 34 रनों की पारी खेली थी। हालांकि, वैभव जिस बल्ले से खेले, वो उनका नहीं था।

राजस्थान रॉयल्स (आरआर) का हिस्सा वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल डेब्यू पर खूब वाहवाही बटोरी। उन्होंने शनिवार को लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) के खिलाफ 20 गेंदों में 34 रन बनाए, जिसमें दो चौके और तीन छक्के शामिल हैं। उन्होंने आईपीएल करियर की पहली गेंद पर सिक्स ठोका। 14 वर्षीय वैभव ने यह सिक्स शार्दुल ठाकुर के सामने जड़ा था, जिसने सभी को हैरत में डाल दिया। हालांकि, वैभव अपने पहले मैच में जिस बल्ले से खेले, वो उनका नहीं था। यह खुलासा उन्होंने खुद किया है। दरअसल, वह कप्तान संजू सैमसन के बैट से खेले, जो अनफिट होने के कारण प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं थे। वैभव आईपीएल में सबसे कम उम्र में डेब्यू करने वाले खिलाड़ी हैं। उनका जन्म 27 मार्च 2011 को हुआ।
आरआर ने वैभव का रविवार को एक दिलचस्प वीडियो शेयर किया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एलएसजी के क्रिकेटर अर्शिन कुलकर्णी ने वैभव से बल्ला मांगा। वैभव ने लगातार कुलकर्णी की डिमांड को ठुकराया। लेकिन वह कुछ देर बाद कसम खाकर कुलकर्णी को दूसरा बैट देने का वादा करते हैं। वैभव ने कहा, ''बाद में भिजवा दूंगा यार बैट। बैट नहीं है, कसम से बैट भिजवा दूंगा। नहीं है बैट मैच खेलने के लिए, संजू भैया के बैट से मैच खेला हूं।'' बिहार के रहने वाले वैभव आरआर वर्सेस एलएसजी मैच में बतौर ओपनर उतरे थे। उन्होंने यशस्वी जायसवाल (74) के साथ पहले विकेट के लिए 85 रनों की साझेदारी की। आरआर को 181 के लक्ष्य का पीछा करते हुए दो रनों से हार का सामना करना पड़ा। यह आरआर की लगातार चौथी हार थी।
वैभव ने पहली गेंद पर सिक्स जड़कर एक स्पेशल क्लब में एंट्री मारी। वह आईपीएल में पहली गेंद पर छक्का उड़ाने वाले 10वें प्लेयर हैं। उनसे पहले यह कमाल रॉब क्विनी (राजस्थान रॉयल्स), केवोन कूपर (राजस्थान रॉयलस), आंद्रे रसेल (कोलकाता नाइट राइडर्स), कार्लोस ब्रेथवेट (दिल्ली डेयरडेविल्स, अब दिल्ली कैपिटल), अनिकेत चौधरी (आरसीबी), जेवन सियरल्स (नाइट राइडर्स), सिद्धेश लाड (मुंबई इंडियन्स), महेश तीक्षणा (चेन्नई सुपरकिंग्स) और समीर रिज्वी (चेन्नई सुपर किंग्स) जैसे खिलाड़ियों ने किया।
14 वर्षीय वैभव ने शीर्ष स्तर के आक्रमण का सामना करते हुए एक बार नहीं बल्कि तीन बार गेंद को स्टैंड में भेजा। वह अपने स्ट्रोक्स में इतनी ताकत कैसे पैदा करते हैं? इसका जवाब पटना के क्रिकेट कोच मनीष ओझा ने दिया। कोच ने पीटीआई से कहा, ''आप लोगों ने उसके शॉट में ताकत देखी। बल्ले की स्विंग और सही टाइमिंग देखी। अगर छक्का मारने के लिए ताकत ही एकमात्र मानदंड होता तो पहलवान क्रिकेट खेलते। यह पांच साल की ट्रेनिंग है, जिसमें हर दिन 600 सौ गेंदें खेली जाती हैं।''