विराट कोहली को ब्रिसबेन में शतक जड़कर मिलेगा एक ‘इंसेंटिव’, सुनील गावस्कर बोले- ब्रैडमैन भी हर मैच में…
- सुनील गावस्कर ने कहा है कि विराट कोहली ब्रिसबेन में भी टेस्ट शतक जड़ सकते हैं और ऐसा करके वे एक एलीट क्लब में शामिल हो सकते हैं, जिसमें अभी तक सिर्फ सुनील गावस्कर और एलिस्टर कुक हैं।
टीम इंडिया के पूर्व महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने कहा है कि विराट कोहली ब्रिसबेन में भी शतक जड़ सकते हैं। गाबा में इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट मैच खेला जाना है। विराट ने पर्थ में शतक जड़ा था, जबकि एडिलेड में वे फ्लॉप रहे थे। ये मैदान पूर्व में उनको रास आया है, लेकिन पिंक बॉल टेस्ट मैच में वे फेल रहे। बावजूद इसके सुनील गावस्कर मानते हैं कि शनिवार 14 दिसंबर से ब्रिसबेन में शुरू हो रहे तीसरे टेस्ट मैच में विराट का बल्ला चल सकता है और वे तीन अंकों वाला जादुई स्कोर हासिल कर सकते हैं।
विराट कोहली पर्थ में टेस्ट शतक जड़ने के बाद भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा शतक जड़ने वाले बल्लेबाज बन गए। उन्होंने सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। सुनील गावस्कर ने कहा कि विराट कोहली के पास उनके और इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टर कुक के उस एलीट क्लब में शामिल होने का मौका है, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पांच प्रमुख टेस्ट वेन्यू में से हर एक पर शतक बनाया है। विराट कोहली अब तक एडिलेड, पर्थ, सिडनी और मेलबर्न में टेस्ट क्रिकेट में शतक जड़ चुके हैं। ब्रिसबेन में उनसे शतक की उम्मीद की जा रही है।
सुनील गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स पर कहा, "अगर वह ब्रिसबेन में शतक बनाते हैं, तो यह बहुत बढ़िया होगा। यह एक इंसेंटिव है, क्योंकि आप जानते हैं कि अगर आप ब्रिसबेन में शतक बनाते हैं, तो आप एक क्लब में शामिल हो जाते हैं, जो ऑस्ट्रेलिया में हर जगह शतक बनाने वाला है। इसके बाद आगे चलकर वह मेलबर्न और सिडनी में खेलेगा, जहां उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में शतक बनाए हैं। इसलिए वह वहां भी शतक बना सकते हैं। इसका मतलब है कि वह सीरीज में चार शतक बना सकते हैं।"
गावस्कर ने विराट कोहली का बचाव किया और कहा कि हर बल्लेबाज हर मैच में बड़ी पारी नहीं खेल सकता। उन्होंने कहा, "ब्रैडमैन ने भी कभी ऐसी कोई सीरीज नहीं खेली, जिसमें उन्होंने हर टेस्ट मैच में रन बनाए हों। आप एक-दो टेस्ट में असफल हो ही जाते हैं। मुझे उम्मीद है कि एडिलेड में उनकी असफलता की भरपाई बाकी तीन टेस्ट में उनके दमदार प्रदर्शन से हो जाएगी। ऑफ-स्टंप के बाहर की गेंद पर थोड़ी परेशानी के साथ - जिसका सामना हर बल्लेबाज को कभी ना कभी करना पड़ता है - अगर वह उन गेंदों पर सावधानी से खेलते हैं, तो रन बनेंगे।"
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