पृथ्वी शॉ का पहला टारगेट भारतीय टीम में वापसी करना नहीं, बल्कि ये है; आप भी जानिए
पृथ्वी शॉ का पहला टारगेट मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी जीतना है, ना कि भारतीय टीम में वापसी करना। वही चाहते हैं कि वह घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद टीम में वापस आएं और अपनी जगह बनाएं।
चोट के कारण लंबे समय तक क्रिकेट की दुनिया से दूर रहने वाले भारतीय क्रिकेटर पृथ्वी शॉ ने इस महीने की शुरुआत में घरेलू क्रिकेट में वापसी की है। बंगाल के खिलाफ मुंबई के लिए वे रणजी ट्रॉफी 2024 का मैच खेलने उतरे। अगले मैच में उन्होंने शतक जड़ा। 2023 में काउंटी क्रिकेट के दौरान घुटने में लगी चोट वजह से पृथ्वी शॉ को लंबे समय तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा था। अपने कमबैक मैच में पृथ्वी शॉ ने मुंबई के लिए बड़ा स्कोर नहीं बनाया, लेकिन दूसरे मैच में छत्तीसगढ़ के खिलाफ वे 185 गेंदों में 159 रन बनाने में सफल हुए। दिन के पहले सत्र में ही पृथ्वी शॉ ने अपना शतक पूरा कर लिया था। हालांकि, भारतीय टीम से वे अभी दूर हैं। इसको लेकर उन्होंने कहा है कि उनकी उम्मीदें अभी भारतीय टीम में कमबैक की नहीं है।
पृथ्वी शॉ ने कहा है कि उनको फोकस अभी रणजी ट्रॉफी में मुंबई को जीत दिलाने पर है। द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में पृथ्वी शॉ ने कहा, "मैं बहुत दूर की नहीं सोच रहा हूं और वर्तमान में रहना चाहता हूं। कोई उम्मीद नहीं है, मुझे खुशी है कि मैं वापस क्रिकेट खेल रहा हूं। मैं अभी चोट के बाद वापस आया हूं और अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहता हूं। मेरा लक्ष्य मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी जीतना है और मैं आगे भी जितना संभव हो उतना योगदान देकर इसे हासिल करने की कोशिश कर रहा हूं।" चोट के कारण पांच महीने के लंबे अंतराल के बाद बल्लेबाजी करने आए तो उनको बेचैनी महसूस हो रही थी, लेकिन क्रीज पर काफी समय बिताने के बाद धीरे-धीरे उनका आत्मविश्वास वापस आ गया।
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उन्होंने आगे कहा, "मैं अच्छा प्रदर्शन करना चाहता था, लेकिन कहीं न कहीं मुझे आश्चर्य हो रहा था कि मैं अपनी शैली में बल्लेबाजी कर पाऊंगा या नहीं। कैसे खेलूंगा, मैं कब वापसी करूंगा और क्या यह अच्छी लय में होगी या नहीं। ये वो विचार थे जो चारों ओर घूम रहे थे, लेकिन मेरे कुछ घंटे क्रीज पर रुकने के बाद चीजें सामान्य हो गईं। मैं फिर घबराया हुआ नहीं था, लेकिन जब मैंने अपनी बल्लेबाजी फिर से शुरू की तो अहसास थोड़ा अजीब था। हालांकि, मैंने एक मैच सिमुलेशन किया और खुद को प्रेरित कर रहा था कि सब कुछ ठीक हो जाएगा। मेरी बॉडी लैंग्वेज ठीक थी।"
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