Hindi Newsक्रिकेट न्यूज़court orders framing charges against 4 for match fixing After 24 years Bookie Sanjeev Chawla is the main conspirator

24 साल के बाद मैच फिक्सिंग के केस में अदालत ने दिखाई सख्ती, सट्टेबाज संजीव चावला है मुख्य साजिशकर्ता

24 साल के बाद मैच फिक्सिंग के केस में अदालत ने सख्ती दिखाई और चार लोगों के खिलाफ आरोप तय किए हैं। सट्टेबाज संजीव चावला इसका मुख्य साजिशकर्ता है। साउथ अफ्रीका के कप्तान हैंसी क्रोनिए की मौत हो चुकी है।

Vikash Gaur एजेंसी, भाषा, नई दिल्लीSun, 14 July 2024 03:21 AM
share Share

क्रिकेट मैच फिक्सिंग मामले के 24 साल से अधिक समय बाद दिल्ली की एक अदालत ने चार आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप तय किए हैं। इनमें सट्टेबाज और 'मुख्य साजिशकर्ता' संजीव चावला और टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार के भाई एवं अभिनेता कृष्ण कुमार शामिल हैं।

पटियाला हाउस जिला अदालत के 68 पेजों के आदेश में चारों आरोपियों चावला, कुमार, दिल्ली स्थित सट्टेबाज राजेश कालरा और सुनील दारा उर्फ ​​बिट्टू की कथित भूमिका का उल्लेख किया गया है। अदालत के इस आदेश से अब मुकदमे की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

दिल्ली पुलिस ने दिवंगत दक्षिण अफ्रीकी कप्तान हैंसी क्रोनिए से जुड़े 2000 के क्रिकेट मैच फिक्सिंग मामले में आरोपियों के खिलाफ 2013 में आरोपपत्र दाखिल किया था। क्रोनिए की 2002 में एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। चावला को फरवरी 2020 में लंदन से भारत लाया गया था। अदालत ने कहा कि जांच के अनुसार, चावला ने ‘हैंसी क्रोनिए के साथ मिलीभगत करके सट्टेबाजों और मैच 'फिक्स' करने में मध्यस्थ के रूप में काम करके सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।’’

आदेश में कहा गया है, "दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के तत्कालीन कप्तान हैंसी क्रोनिए की सक्रिय भागीदारी के बिना पूरी मैच फिक्सिंग संभव नहीं थी, जिन्होंने किंग्स कमीशन ऑफ इन्क्वायरी के समक्ष अपनी भूमिका और संलिप्तता स्वीकार की थी।’’ वहीं, अदालत ने अपने आदेश में आगे कहा है, ‘‘अन्य सभी आरोपी व्यक्ति संजीव चावला और एक-दूसरे के साथ लगातार संपर्क में रहे और मैच फिक्स करने की साजिश रची।’’

दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने देश के खिलाड़ियों के खिलाफ मैच फिक्सिंग के आरोपों की जांच के लिए किंग्स कमीशन की नियुक्ति की थी। 11 जुलाई को पारित आदेश में यह भी उल्लेख किया गया कि मामला कैसे प्रकाश में आया। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को अप्रैल 2000 में मैच फिक्सिंग का पता चला था, जब उसने लंदन स्थित एक सट्टेबाज की कॉल ‘इंटरसेप्ट’ की थी। इस तरह 24 साल के बाद इस केस में आरोप तय हुए हैं। 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेख