शतक के बाद संजू सैमसन बोले- मुझे भी लग गया था कि अब टीम इंडिया में शायद आगे मौका नहीं मिलेगा, लेकिन...
- बांग्लादेश के खिलाफ हैदराबाद में शतक जड़ने के बाद संजू सैमसन ने कहा है कि मुझे भी लग गया था कि अब टीम इंडिया में शायद मौका नहीं मिलेगा, क्योंकि मैं शून्य पर आउट हो गया था, लेकिन कप्तान और टीम मैनेजमेंट ने भरोसा जताया।
टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन ने शनिवार 12 अक्टूबर को हैदराबाद के मैदान पर बांग्लादेश के खिलाफ अपने बल्ले से कोहराम मचाया। वे भारत के लिए टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे तेज सेंचुरी जड़ने वाले दूसरे बल्लेबाज बने। महज 40 गेंदों में संजू सैमसन ने शतक पूरा किया था। हालांकि, इस मैच से पहले उनको लेकर तमाम बातें हो रही थीं कि ये उनके टी20आई करियर का आखिरी मैच भी हो सकता है। संजू सैमसन भी ये बात जानते थे, क्योंकि उनको खुद इस बात को कबूल किया है कि पिछली सीरीज में श्रीलंका के खिलाफ जब दो बार शून्य पर आउट हो गए थे तो उनको भी लगा था कि उनको कभी शायद टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका नहीं मिलेगा।
29 वर्षीय संजू सैमसन ने तीसरे टी20 इंटरनेशनल मैच के बाद कहा, "जैसे कि श्रीलंका में दो बार शून्य पर आउट होने के बाद मुझे संदेह था कि क्या मुझे मौका मिलेगा? मानसिक रूप से आप एक भारतीय क्रिकेटर के रूप में एक व्यक्ति के रूप में बहुत कुछ करते हैं, खासकर इस प्रारूप में, जहां एक बल्लेबाज के रूप में सफलता की तुलना में असफलताएं बहुत अधिक हैं, आपको आक्रामक बने रहना होगा और स्कोरिंग ऑप्शन्स पर ध्यान देना होगा। जोखिम अधिक है और जब जोखिम अधिक होता है तो बहुत सारी असफलताएं भी होती हैं।" सीरीज के पहले मैच में 29 और दूसरे मैच में 10 रन की पारी भी सैमसन के बल्ले से तेज पारी थी।
हालांकि, शतकवीर सैमसन ने टीम प्रबंधन को भरोसा दिखाने और उनका समर्थन करने का श्रेय दिया। उन्होंने कहा, "कप्तान और कोच ने मुझे हर तरह से समर्थन दिया है। अगली सीरीज में भी उन्होंने मेरा समर्थन किया और कहा कि हम तुम्हारा समर्थन करते रहेंगे, चाहे कुछ भी हो। मुझे लगता है कि हम बल्लेबाजी समूह के रूप में हर विपक्षी टीम पर हावी होने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" सैमसन ने ये भी बताया कि उन्हें तीन सप्ताह पहले बताया गया था कि वह इस सीरीज में ओपनिंग करेंगे। सैमसन बोले, "सीरीज से तीन सप्ताह पहले मुझे नेतृत्व समूह से यह संदेश मिला कि मैं ओपनिंग करूंगा। इससे मुझे उचित तैयारी के लिए समय मिला। मैं आरआर एकेडमी में वापस गया और नई गेंदों के खिलाफ खूब खेला। इससे थोड़ी मदद मिली कि मैं अन्य सीरीज की तुलना में सीरीज में 10% अधिक तैयार था।"
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