ऋषभ पंत क्यों नहीं होना चाहते थे रिटेन? DC के कोच ने खोला राज; बोले- वह खुद को...
- बदानी ने खुलासा किया कि निश्चित रूप से पैसा ही वह कारण था जिसके चलते ऋषभ पंत ने फ्रैंचाइजी छोड़ी। ऋषभ पंत को लखनऊ सुपर जायंट्स ने कड़ी बोली के बाद 27 करोड़ रुपये में खरीदा था।
जब ऋषभ पंत दिल्ली कैपिटल्स से अलग हुए थे तो फ्रेंचाइजी के सह-मालिक पार्थ जिंदल ने बताया था उनको रिटेन ना करने की वजह पैसा नहीं है। मगर अब आईपीएल ऑक्शन में पंत के 27 करोड़ में बिकने के बाद हेड कोच हेमंग बदानी ने बड़ा खुलासा किया है। बदानी का बयान पार्थ जिंदल से बिल्कुल उलट है। उन्होंने खुलासा किया कि निश्चित रूप से "पैसा" ही वह कारण था जिसके चलते ऋषभ पंत ने फ्रैंचाइजी छोड़ी। ऋषभ पंत को लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) ने कड़ी बोली के बाद 27 करोड़ रुपये में खरीदा था।
बदानी ने सुब्रमण्यम बद्रीनाथ के पोडकास्ट में कहा, "वह रिटेन नहीं होना चाहता था। उसने कहा कि वह नीलामी में जाना चाहता था और मार्केट को टेस्ट करना चाहता था। यदि आप किसी खिलाड़ी को रिटेन करना चाहते हैं, तो दोनों पक्षों को कुछ चीजों पर सहमत होना पड़ता है। हमने उससे बात करने की कोशिश की, प्रबंधन ने उससे बात करने की कोशिश की। बहुत सारे फोन कॉल और मैसज दोनों तरफ से हुए।"
पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने यह भी कहा कि दिल्ली कैपिटल्स ऋषभ पंत को रिटेन करने के लिए उत्सुक थी और इसीलिए उन्होंने उनके लिए 20.5 करोड़ रुपये में राइट टू मैच (आरटीएम) कार्ड का इस्तेमाल भी किया।
बदानी ने कहा, "हां, दिल्ली कैपिटल्स उन्हें रिटेन करने में दिलचस्पी रखती थी। उन्होंने कहा कि वह नीलामी में जाना चाहते थे और बाजार को टेस्ट करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि उन्हें लग रहा था कि उन्हें रिटेन किए गए खिलाड़ी के लिए उच्चतम कैप, जो 18 करोड़ रुपये है, से ज्यादा पैसे मिलने की संभावना थी।"
डीसी के हेड कोच बोले, "और दिन के अंत में, उन्हें लगा कि वह ज्यादा वेल्यू रखते हैं। और बाजार ने भी यही कहा। उन्हें 27 करोड़ रुपये मिले। उनके लिए अच्छा है। वह बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं। हम निश्चित रूप से उन्हें मिस करेंगे। लेकिन जीवन चलता रहता है।"
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