Hindi Newsक्रिकेट न्यूज़Lou Vincent Makes sensational Revelation In India I was dragged and sucked into match fixing

भारत में मेरे साथ ऐसा हुआ...मैच फिक्सिंग गिरोह पर पूर्व क्रिकेटर का सनसनीखेज खुलासा, एक कमजोरी ने डुबोया करियर

  • पूर्व क्रिकेटर लू विंसेंट ने मैच फिक्सिंग गिरोह को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया है। विंसेंट ने कहा कि उन्हें भारत में मैच फिक्सिंग की दुनिया में धकेला गया था। उन्होंने कहा कि प्यार की तलाश में रहना उनकी सबसे बड़ी कमजोरी थी।

Md.Akram भाषाWed, 11 Dec 2024 05:00 PM
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न्यूजीलैंड के पूर्व बल्लेबाज लू विंसेंट ने खुलासा किया है कि 2000 के दशक के आखिर में अब बंद कर दी गई इंडियन क्रिकेट लीग के दौरान वह मैच फिक्सिंग की दुनिया में कैसे आकर्षित हुए थे तथा वह एक गिरोह का हिस्सा थे जिसमें उन्हें अवसाद के दिनों में अपनेपन का एहसास होता था। न्यूजीलैंड की तरफ से 23 टेस्ट और 108 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले विंसेंट पर 2104 में मैच फिक्सिंग के लिए इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने आजीवन प्रतिबंध लगाया था। पिछले साल प्रतिबंध का दायरा कम करके उन्हें घरेलू क्रिकेट में शामिल होने की अनुमति दी गई थी।

29 साल की उम्र में करियर हुआ खत्म

इस 46 वर्षीय खिलाड़ी ने अपने करियर की शुरुआत 2000 के दशक की सबसे मजबूत टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में शतक जड़कर की थी। इसके बाद हालांकि उन्हें अवसाद से जूझना पड़ा और वह मैच फिक्सिंग की दुनिया में चले गए। इस तरह से उनका अंतरराष्ट्रीय करियर 29 साल की उम्र में समय से पहले खत्म हो गया। विंसेंट ने द टेलीग्राफ को दिए गए साक्षात्कार में बताया कि कैसे उनकी शुरुआती परवरिश ने उनके व्यक्तित्व और करियर को प्रभावित किया।

'भारत में फिक्सिंग की दुनिया में धकेला'

उन्होंने कहा, ‘‘मैं पेशेवर खिलाड़ी बनने के लिए मानसिक रूप से मजबूत नहीं था। इसलिए 28 साल की उम्र में मैं गहरे अवसाद में था और फिर भारत चला गया जहां मुझे मैच फिक्सिंग की दुनिया में धकेल दिया गया।’’ विंसेंट ने कहा, ‘‘मुझे ऐसा लगा जैसे मैं एक गिरोह का हिस्सा हूं। इससे मुझे लगभग बेहतर महसूस हुआ, क्योंकि मैं सोच रहा था: 'मैं एक मैच फिक्सिंग गिरोह का हिस्सा हूं, मैं एक ऐसे समूह के साथ हूं जो मेरी पीठ थपथपाएगा और कोई भी हमारे बारे में नहीं जानता।’’ पारिवारिक पृष्ठभूमि अच्छी नहीं होने के कारण विंसेंट हमेशा अपने आस-पास भावनात्मक समर्थन की तलाश में रहते थे और आखिरकार उन्हें वह सहारा भ्रष्टाचार की गंदी दुनिया में मिला।

'मैं आसानी से बहकावे में आ जाता था'

वह वर्तमान में न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों के संगठन की भ्रष्टाचार विरोधी शिक्षा पहल में शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 12 साल की उम्र से खुद का पालन पोषण किया और इसलिए मैं हमेशा अपने आसपास के लोगों के बहकावे में आ जाता था। मैं प्यार पाना चाहता था और इसलिए आसानी से भटक जाता था।’’ विंसेंट को हालांकि मैच फिक्सिंग गिरोह का हिस्सा होने के खतरों का एहसास होने लगा था। उन्होंने कहा, ‘‘जब आप उस दुनिया का हिस्सा होते हैं तो फिर उससे बाहर निकलना आसान नहीं होता है। उसमें हमेशा कोई ना कोई खतरा बना रहता है क्योंकि वह आपको और आपके परिवार को अच्छी तरह से जानते हैं।’’

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