जसप्रीत बुमराह बनेंगे अगले टेस्ट कप्तान!, लेकिन साथ में चाहिए मजबूत उपकप्तान; इनके बीच है रेस
- जसप्रीत बुमराह टेस्ट कप्तानी के लिए रोहित शर्मा के बाद सबसे बड़े दावेदार हैं। हालांकि, उनका वर्कलोड और फिटनेस एक समस्या है। ऐसे में चयनकर्ता दो मजबूत दावेदार उपकप्तानी के लिए चाहते हैं। इनमें ऋषभ पंत का नाम सबसे आगे है।
भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह भविष्य में रोहित शर्मा की जगह भारत के टेस्ट कप्तान बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं, लेकिन अपनी फिटनेस संबंधी चिंताओं के कारण यह बेजोड़ तेज गेंदबाज लंबे समय तक कप्तानी का विकल्प नहीं लगता है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनकी पीठ में ऐंठन की समस्या सामने आई थी, जिसके कारण अगले महीने से शुरू हो रही आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लीग मैचों में उनका खेलना संदिग्ध है। वहीं, इंग्लैंड के टेस्ट टूर को देखते हुए कप्तानी की बात करें तो रोहित शर्मा को शायद ही मौका मिले। ऐसे में जसप्रीत बुमराह कप्तान हो सकते हैं और दो बैकअप प्लेयर कैप्टेंसी के लिए तैयार किए जा रहे हैं।
अगर रोहित शर्मा इंग्लैंड नहीं जाते और जसप्रीत बुमराह पूरी तरह फिट हैं तो इंग्लैंड में टेस्ट टीम की कप्तानी कर सकते हैं, लेकिन ऐसे में मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर और उनके चार सहयोगियों को एक ऐसे उपकप्तान की जरूरत है, जो इस जिम्मेदारी संभालने के लिए पर्याप्त रूप से सक्षम हो। उपकप्तानी के लिए दो नाम इस समय सामने आ रहे हैं, जिनमें विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत और युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल का नाम शामिल है। शनिवार 11 जनवरी को हुई बीसीसीआई की रिव्यू मीटिंग में भी लगभग इस बात की पुष्टि हो गई है कि इंग्लैंड के दौरे पर रोहित शर्मा खेले भी तो वे कप्तान नहीं होंगे।
रिव्यू मीटिंग में रोहित शर्मा की जगह सबसे बड़े दावेदार कप्तानी के जसप्रीत बुमराह माने गए, लेकिन फिटनेस उनकी समस्या रही है। जसप्रीत बुमराह तीन टेस्ट मैचों में कप्तानी कर चुके हैं, जिनमें से एक मैच में जीत मिली है और दो मैच हारे हैं। हालांकि, आखिरी मैच में ऑस्ट्रेलिया में उनको पीठ में समस्या हुई थी, जिसके कारण वे दूसरी पारी में गेंदबाजी नहीं कर पाए थे और कप्तानी के लिए भी उपलब्ध नहीं थे। ऐसे में सभी के सामने सवाल है कि तेज गेंदबाजी के वर्कलोड और कप्तानी के भार को वे कैसे संभालेंगे। इसी वजह से सिलेक्टर्स अपना प्लान बी भी तैयार रख रहे हैं और युवाओं को उपकप्तानी सौंपने पर विचार कर रहे हैं।
पूर्व नेशनल सिलेक्टर देवांग गांधी ने कहा, "मेरे लिए, यह बहुत ही सरल बात है। आप डेटा देखें और पता लगाएं कि टेस्ट क्रिकेट में किसकी जगह पक्की है। बुमराह ने 45 टेस्ट खेले हैं और पंत ने 43 टेस्ट। वह (पंत) अभी 27 साल के हैं और जब वह केवल 23 साल के थे, तब उन्होंने गाबा में भारत को उसके सबसे बेहतरीन टेस्ट मैचों में से एक में अकेले दम पर जीत दिलाई थी। वह मैच विजेता हैं, गेंदबाजों के लिए एक अच्छा साउंडिंग बोर्ड हैं और उन्हें उप-कप्तान होना चाहिए।"
वहीं, भारत के पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने सहमति जताई कि गेंदबाजी के बोझ को देखते हुए बुमराह टेस्ट कप्तान के रूप में दीर्घकालिक समाधान नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, "हम सिर्फ मार्की सीरीज (इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया) के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। टेस्ट मैचों के बीच में, ICC इवेंट होंगे जहां बुमराह की मौजूदगी जरूरी है। जैसे इस साल चैंपियंस ट्रॉफी है और अगले साल टी20 वर्ल्ड कप होगा। वह द्विपक्षीय मैच ना खेलकर इसे अच्छी तरह से मैनेज कर रहे हैं, लेकिन इवेंट के नजदीक उन्हें खेलना होगा। तब गेंदबाजी का कार्यभार सर्वोपरि हो जाता है। आईपीएल के दो महीने मत भूलना। इसलिए भले ही बुमराह अगले टेस्ट कप्तान के रूप में शुरुआत करते हैं, लेकिन एक मजबूत उप-कप्तान की जरूरत है, और हां पंत इस पोजिशन में फिट बैठते हैं।"
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