टर्निंग पिचों ने भारतीय बल्लेबाजों का किया बेड़ा गर्क, आखिर हरभजन ने रहाणे का क्यों दिया उदाहरण?
- हरभजन सिंह ने कहा कि टर्नर पिचों पर खेलने से भारतीय बल्लेबाजों ने अपना आत्मविश्वास खो दिया है। उन्होंने अजिंक्य रहाणे का उदाहरण देकर अपनी बात रखी।
पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि भारत के स्टार बल्लेबाजों ने पिछले कुछ वर्षों में टर्निंग (स्पिनरों की मददगार) पिचों पर खेलने से अपना आत्मविश्वास खो दिया है जिससे उनके घरेलू औसत में गिरावट आई है और उनके करियर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। हरभजन सिंह ने अजिंक्य रहाणे का उदहारण देकर बताया कि वह एक शानदार खिलाड़ी हैं लेकिन ऐसी पिचों की वजह से उनका करियर प्रभावित हुआ।
भारत 12 वर्षों में अपनी पहली टेस्ट सीरीज हार गया। न्यूजीलैंड के खिलाफ पुणे की टर्निंग पिच पर भारत ने महत्वपूर्ण टॉस गंवा दिया और इसके बाद टीम 156 और 245 रन ही बना सकी। इसमें न्यूजीलैंड के मुख्य स्पिनर मिशेल सैंटनर ने 13 विकेट लिए।
हरभजन ने पीटीआई से कहा, ‘‘आपका घरेलू मैदान पर इतने लंबे समय तक शानदार रिकॉर्ड रहा है और अगर आप हार जाते हैं तो जाहिर है कि चर्चा होगी। न्यूजीलैंड जिस तरह से खेला, उसे उसका श्रेय जाता है और ये विदेशी परिस्थितियां थीं और ऐसी पिच भी नहीं थी जिसमें ज्यादा दरार हो।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पिनरों के लिए अनुकूल परिस्थितियां थीं, जहां गेंद को पहले घंटे से ही टर्न लेना चाहिए था।’’ हरभजन ने भारतीय टीम की सोचने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘पिछले दशकों के दौरान के चलन को देखें। हम पिछले दशक में ज्यादातर टर्नर पर इस उम्मीद के साथ खेल रहे हैं कि हम टॉस जीतेंगे और 300 रन बनाएंगे और मैच पर नियंत्रत करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम नहीं जानते कि पासा उलटा पड़ जाएगा और टर्निंग पिच पर हमारे बल्लेबाजी चलेगी या नहीं। हमारे बल्लेबाजों ने इन पिचों पर खेलते हुए आत्मविश्वास खो दिया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण अजिंक्य रहाणे हैं जो एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं। इस तरह की पिचों के कारण उनका करियर प्रभावित हुआ।''
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