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ICC के साथ मिलकर टेस्ट क्रिकेट को बदलने के मूड में हैं इंडिया, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड, ये है योजना

तीन बड़े बोर्ड आईसीसी के साथ मिलकर टेस्ट क्रिकेट को एक नया तड़का देने की प्लानिंग कर रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट में 2 टीयर सिस्टम लागू करने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, ये 2027 के एफटीपी के समाप्त होने के बाद लागू होगा।

Vikash Gaur लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 6 Jan 2025 12:04 PM
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इंडिया, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और आईसीसी टेस्ट क्रिकेट को बांटने की प्लानिंग कर रहे हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी के चेयरमैन जय शाह तीनों बोर्ड के साथ मिलकर चाहते हैं कि ये तीनों बड़े देश ज्यादा से ज्यादा एकदूसरे के साथ टेस्ट क्रिकेट खेलें। फैंस को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जैसी ब्लॉकबस्टर सीरीज लगभग हर दूसरे साल देखने को मिले।

जय शाह, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के चेयरमैन माइक बैर्ड और इंग्लैड क्रिकेट बोर्ड के चीफ रिचर्ड थॉम्पसन इस महीने के आखिर में एक मीटिंग कर सकते हैं। द एज के मुताबिक, इस बातचीत की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों के अनुसार, टेस्ट क्रिकेट के लिए दो स्तरीय संरचना (2 टीयर स्ट्रक्चर) का मुद्दा पूरी तरह से एजेंडे में है। पिछले दो महीनों में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेली गई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारी भीड़ देखने को मिली। इसके अलावा ब्रॉडकास्टिंग और लाइव स्ट्रीमिंग पर भी भारी लोग इस सीरीज से जुड़े। यह ऑस्ट्रेलिया में अब तक की चौथी सर्वाधिक देखी गई सीरीज है और संभवतः अब तक की सबसे ज्यादा देखी गई टेस्ट सीरीज है।

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हालांकि, 2 टीयर सिस्टम को अभी लागू नहीं किया जाएगा। 2027 में इस एफटीपी यानी फ्यूचर टूर प्रोग्राम के बाद इसकी शुरुआत हो सकती है। टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच और बीजीटी में कमेंट्री करने वाले रवि शास्त्री भी इस बात की दलील दे चुके हैं कि टेस्ट क्रिकेट को और जीवित रखने के लिए 2 टीयर सिस्टम अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने एसईएन से बात करते हुए एससीजी टेस्ट के दौरान कहा था, "यदि आप चाहते हैं कि टेस्ट क्रिकेट जीवित रहे और जीवंत और समृद्ध हो, तो मुझे लगता है कि यही रास्ता है। शीर्ष टीमें एक-दूसरे के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा खेलें। इनमें वाकई में प्रतियोगिता होती है, जो आप चाहते हैं।"

अगर ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारत को कई देशों के साथ खेलने से मुक्त कर दिया जाए, तो वे अपने चक्रों को फिर से व्यवस्थित कर सकेंगे और हर तीन साल में दो बार एक-दूसरे के साथ खेल सकेंगे, ना कि हर चार साल में दो बार, जैसा कि अभी होता है। ऑस्ट्रेलिया में, इसका मतलब होगा कि खेल का वित्तीय चक्र तेजी से आगे बढ़ेगा, जिसमें हर चार में से केवल एक साल में संभावित “नुकसान” होगा, ना कि चार में से दो साल, जैसा कि अभी होता है। हाल के दिनों में राज्य संघों ने बेहतर वितरण के लिए सीए के साथ आंदोलन किया है।

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हालांकि, 2 टीयर सिस्टम को अभी लागू नहीं किया जाएगा। 2027 में इस एफटीपी यानी फ्यूचर टूर प्रोग्राम के बाद इसकी शुरुआत हो सकती है। टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच और बीजीटी में कमेंट्री करने वाले रवि शास्त्री भी इस बात की दलील दे चुके हैं कि टेस्ट क्रिकेट को और जीवित रखने के लिए 2 टीयर सिस्टम अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने एसईएन से बात करते हुए एससीजी टेस्ट के दौरान कहा था, "यदि आप चाहते हैं कि टेस्ट क्रिकेट जीवित रहे और जीवंत और समृद्ध हो, तो मुझे लगता है कि यही रास्ता है। शीर्ष टीमें एक-दूसरे के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा खेलें। इनमें वाकई में प्रतियोगिता होती है, जो आप चाहते हैं।"

अगर ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारत को कई देशों के साथ खेलने से मुक्त कर दिया जाए, तो वे अपने चक्रों को फिर से व्यवस्थित कर सकेंगे और हर तीन साल में दो बार एक-दूसरे के साथ खेल सकेंगे, ना कि हर चार साल में दो बार, जैसा कि अभी होता है। ऑस्ट्रेलिया में, इसका मतलब होगा कि खेल का वित्तीय चक्र तेजी से आगे बढ़ेगा, जिसमें हर चार में से केवल एक साल में संभावित “नुकसान” होगा, ना कि चार में से दो साल, जैसा कि अभी होता है। हाल के दिनों में राज्य संघों ने बेहतर वितरण के लिए सीए के साथ आंदोलन किया है।

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टेस्ट क्रिकेट में 2 टीयर सिस्टम का कॉन्सेप्ट पहले 2016 में ICC स्तर पर पेश किया गया था, जिसमें एक मॉडल के अनुसार सात देश शीर्ष डिवीजन में और पांच दूसरे रैंक में प्रतिस्पर्धा करेंगे। हालांकि, जब BCCI ने छोटे देशों के विरोध को सुना, तो इसे अंततः पोस्टपोन कर दिया गया, जिन्होंने तर्क दिया कि टेस्ट खेलने वाले देशों के अनन्य क्लब में प्रवेश करने का उनका कठिन परिश्रम से प्राप्त अधिकार इस संरचना से कम हो जाएगा। उस समय, BCCI, श्रीलंका क्रिकेट, BCB और जिम्बाब्वे क्रिकेट ने इस का विरोध किया था। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के बोर्डों ने समर्थन किया था, लेकिन सिर्फ बीसीसीआई के विरोध के चलते इस सिस्टम को अपनाया नहीं गया।

उस समय के बीसीसीआई प्रेसिडेंट अनुराग ठाकुर ने कहा था, "बीसीसीआई 2 टीयर टेस्ट सिस्टम के खिलाफ है, क्योंकि इससे छोटे देशों को नुकसान होगा और बीसीसीआई उनका ख्याल रखना चाहता है। उनके हितों की रक्षा करना जरूरी है। 2 टीयर सिस्टम में, वे राजस्व और शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलने के अवसर सहित बहुत कुछ खो देंगे। हम ऐसा नहीं चाहते हैं। हम विश्व क्रिकेट के सर्वोत्तम हितों में काम करना चाहते हैं और यही कारण है कि हमारी टीम सभी देशों के खिलाफ खेलती है।"

हालांकि, 8 साल के बाद बहुत कुछ बदल गया है। हर किसी को पैसा चाहिए। ऐसे में 2 टीयर सिस्टम को लागू किया जा सकता है। ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टर चाहते हैं कि भारत और इग्लैंड के साथ ज्यादा मैच हो और जियोस्टार या डिज्नीस्टार भी चाहता है कि मार्की सीरीज का गैप कम हो। 2019 से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत हुई है, लेकिन इसको ज्यादा समर्थन नहीं मिल रहा है। इसकी पॉइंट्स टेबल सिस्टम भी खराब है, जिसका जोरदार विरोध इंग्लैंड की ओर से किया जा चुका है।

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