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IND Vs AUS: टीम इंडिया ने सेमीफाइनल में क्यों बांधी काली पट्टी? जानिए गमजदा करने वाला कारण

  • भारतीय खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी सेमीफाइनल में बांह पर काली पट्टी बांधकर उतरे हैं। ऑस्ट्रेलिया ने दुबई में टॉस जीतकर बैटिंग चुनी।

Md.Akram लाइव हिन्दुस्तानTue, 4 March 2025 03:33 PM
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IND Vs AUS: टीम इंडिया ने सेमीफाइनल में क्यों बांधी काली पट्टी? जानिए गमजदा करने वाला कारण

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दुबई में चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का पहला सेमीफाइनल खेला जा रहा है। ऑस्टेलिया ने मंगलवार को टॉस जीतकर बैटिंग चुनी है। रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम इंडिया सेमीफाइनल में काली पट्टी बांधकर उतरी है। अनेक क्रिकेट फैंस के मन में सवाल है कि भारतीय खिलाड़ी बांह पर काली पट्टी बांधकर क्यों खेल रहे हैं? दरअसल, इसका कारण गमजदा करने वाला है। भारतीय खिलाड़ियों ने मुंबई के महान स्पिनर पद्माकर शिवलकर को श्रद्धांजलि देने के लिए बांह पर काली पट्टी है। शिवलकर का सोमवार को निधन हो गया था। उन्होंने 84 वर्ष में उम्र संबंधी समस्याओं के कारण निधन हुआ।

बाएं हाथ के स्पिनर शिवलकर ने 22 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया और 48 साल की उम्र तक खेलना जारी रखा। उन्होंने 1961-62 से 1987-88 के बीच कुल 124 प्रथम श्रेणी मैचों में हिस्सा लिया और 19.69 की औसत से 589 विकेट लिए। शिवलकर ने भारत की प्रमुख घरेलू प्रतियोगिता में 361 विकेट लिए, जिसमें 11 बार मैच में 10 विकेट लेना शामिल हैं। उन्होंने 12 लिस्ट ए मैचों 16 विकेट लिए। उन्हें भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा 2017 में सीके नायडू ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। हालांकि, सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में शामिल शिवालकर भारतीय टीम के लिए कभी नहीं खेले पाए।

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वहीं, पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने पद्माकर शिवालकर को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ‘कुछ अन्य की तुलना में भारतीय टीम में खेलने के अधिक हकदार थे’। गावस्कर ने अपने संदेश में लिखा, ‘‘यह वाकई बहुत दुखद खबर है। कुछ ही समय में मुंबई क्रिकेट ने अपने दो दिग्गज खिलाड़ियों मिलिंद और पद्माकर को खो दिया है। यह दोनों कई जीत के सूत्रधार थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय कप्तान के तौर पर मुझे इस बात का अफसोस है कि मैं राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को ‘पैडी’ को टेस्ट टीम में शामिल करने के लिए राजी नहीं कर पाया। वह कुछ अन्य गेंदबाजों की तुलना में भारतीय टीम में शामिल होने के अधिक हकदार थे। आप इसे किस्मत कह सकते हैं।’’

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