गौतम गंभीर के कोचिंग स्टॉफ से गावस्कर ने पूछे तीखे सवाल, कहा- बताइए मुझे, आपने क्या किया?''
- सुनील गावस्कर ने भारतीय कोचिंग स्टॉफ के काम पर सवाल खड़े किए हैं। उनका मानना है कि लगातार सीरीज में हार के पीछे कोचिंग स्टॉफ की बड़ी नाकामी है और उनसे भी सवाल पूछे जाने चाहिए।
महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने रविवार को भारतीय बल्लेबाजों के साथ-साथ गौतम गंभीर के नेतृत्व वाली कोचिंग स्टॉफ को भी आड़े हाथों लिया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन रहा। भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ स्वदेश में 0-3 से क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा था, जबकि ऑस्ट्रेलिया में टीम को 1-3 से हार झेलनी पड़ी।
सुनील गावस्कर ने सिडनी टेस्ट में मिली हार के बाद कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के लिए भारतीय खिलाड़ी आलोचना के हकदार है लेकिन कोचों को भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज से ही बल्लेबाजों की समस्या नजर आने लगी थी और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में भी यही देखने को मिला। भारतीय टीम पिछली 10 पारियों में सिर्फ तीन बार ही 200 के पार पहुंची है।
सुनील गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, ''कोचिंग स्टॉफ क्या कर रहा था? बैटिंग कोच? न्यूजीलैंड के खिलाफ, भारतीय टीम सिर्फ 46 के स्कोर पर सिमट गई। बचे हुए मैचों में वे अच्छा नहीं कर सके और वे सीरीज भी हार गए। ऑस्ट्रेलिया में भी भारत के बल्लेबाजी क्रम में मजबूती की कमी थी।''
उन्होंने आगे कहा, ''हमें सवाल पूछने चाहिए, भाई, आपने किया क्या? क्यों सुधार नहीं हो रहा? अगर आप मुझसे कहेंगे कि गेंदबाजी को खेलना मुश्किल था और हमारे बल्लेबाज उनके सामने टिक नहीं सके, फिर ठीक है। यहां तक कि सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी बेहतरीन गेंदबाजी का सामना नहीं कर सकते। लेकिन ऐसा नहीं था। बताइए मुझे, आपने क्या किया?''
उन्होंने कहा, "इन कार्यक्रमों में हम पूछते रहते हैं कि क्या इस खिलाड़ी को भविष्य में खेलना चाहिए, उस खिलाड़ी को भविष्य में खेलना चाहिए... मैं यह कह रहा हूं कि हमें यह भी पूछना चाहिए कि क्या कोचिंग स्टाफ को जारी रहना चाहिए। इंग्लैंड दौरे से पहले हमारे पास दो-तीन महीने हैं। मैं चैंपियंस ट्रॉफी की बात नहीं कर रहा हूं। मैं टेस्ट खिलाड़ी हूं। मैं वनडे क्रिकेट समझता हूं, लेकिन उतना नहीं।"
गावस्कर ने कहा, ''मैं पूछना चाहता हूं, 'आपने क्या किया?' आप किस तरह से उनमें सुधार करेंगे? ये 'थ्रोडाउन, थ्रोडाउन', इससे कुछ नहीं होता। आपको उनकी तकनीक और स्वभाव को सुधारने में मदद करनी थी। आपने ऐसा नहीं किया।''
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