हार्दिक पांड्या 18 करोड़ रुपये डिजर्व नहीं करते...SRH के पूर्व हेड कोच ने दिया चौंकाने वाला बयान
- IPL 2025 मेगा ऑक्शन से पहले रिटेंशन के तौर पर हार्दिक पांड्या 18 करोड़ रुपये डिजर्व नहीं करते। ये कहना है SRH के पूर्व हेड कोच टॉम मूडी का। उन्होंने 18-18 करोड़ रुपये में जसप्रीत बुमराह और सूर्यकुमार यादव को चुना है।
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने हाल ही में आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन से पहले इस बात का ऐलान किया है कि फ्रेंचाइजी 6 खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती हैं, जिसमें आरटीएम कार्ड भी शामिल है। आईपीएल के 18वें सीजन के मेगा ऑक्शन से पहले अगर कोई टीम किसी खिलाड़ी को रिटेन करना चाहती है तो इसके लिए टीम को दो खिलाड़ियों को 18-18 करोड़ रुपये, दो खिलाड़ियों को 14-14 करोड़ और एक खिलाड़ी को 11 करोड़ रुपये देने होंगे। अगर कोई अनकैप्ड प्लेयर रिटेन किया जाता है तो उसे 4 करोड़ रुपये देने होंगे। इस बीच सनराइजर्स हैदराबाद के पूर्व हेड कोच टॉम मूडी ने बड़ा हैरान करने वाला बयान दिया है और कहा है कि मुंबई इंडियंस के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या 18 करोड़ रुपये डिजर्व नहीं करते हैं।
ईएसपीएनक्रिकइंफो ने टॉम मूडी के हवाले से कहा, "आईपीएल के पिछले सीजन में जिस तरह से चीजें हुईं, मुझे लगता है कि वह (रोहित शर्मा) पिछले 6-12 महीनों में जो कुछ हुआ, उससे थोड़ा निराश होंगे। मैं जसप्रीत बुमराह और सूर्यकुमार यादव को 18 करोड़ रुपये पर और हार्दिक को 14 करोड़ रुपये पर रखूंगा। (रिलीज करना) उन पर निर्भर है या आप इसे उनके प्रदर्शन, फॉर्म और फिटनेस के आधार पर मान सकते हैं। और जब आप हार्दिक पांड्या के उन सभी क्षेत्रों का विश्लेषण करते हैं, तो क्या वह 18 करोड़ का खिलाड़ी बनने के लायक हैं? क्या वह डिजर्व करते हैं? अगर आपको 18 करोड़ का खिलाड़ी बनना है, तो आपको एक वास्तविक मैच विजेता बनना होगा और ऐसा नियमित रूप से करना होगा। हार्दिक पांड्या, आईपीएल के पिछले संस्करण में अपने ट्रायल्स और क्लेशों के दौरान, फिटनेस और प्रदर्शन दोनों से जूझ रहे थे। तिलक वर्मा बिल्कुल वहां हो सकते हैं।"
आईपीएल 2016 जीतने वाली टीम के हेड कोच ने आगे बताया कि पिछले कुछ संस्करणों में MI ने किस तरह की रणनीति अपनाई है, जिसकी वजह से वे मुश्किल में फंस गए हैं। उन्होंने अपनी बात को सही साबित करने के लिए ईशान किशन और जोफ्रा आर्चर का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, "पिछले कुछ सालों में ऑक्शन में उन्हें थोड़ी परेशानी हुई है। वे कुछ मामलों में बहुत ज्यादा वफादारी में फंस गए और खिलाड़ियों को बनाए रखने या अपनी टीम में वापस लाने की कोशिश की, जिसकी उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ी। इसके बेहतरीन उदाहरण ईशान किशन और जोफ्रा आर्चर हैं, दोनों को भारी कीमत पर खरीदा गया। क्या उन्हें इसका फायदा मिला? मैं ईशान किशन को देखता हूं और सोचता हूं 'देखो, वह एक शानदार खिलाड़ी है और एक्साइटिंग हैं, लेकिन बहुत ज्यादा तेजी से लगातार रन नहीं बनाता है'। उसने अपने बल्ले से कितने मैच जिताए हैं? यह एक ऐसा सवाल है जो आपको पूछना चाहिए। अगर आप उसे रिटेंशन के लिए लगभग 14 करोड़ का भुगतान कर रहे हैं, तो आपको उनको प्रदर्शन को देखना होगा? उन्हें कुछ कठोर निर्णय लेने होंगे।"