Hindi Newsछत्तीसगढ़ न्यूज़Two Naxalites surrender bounty of Rs 16 lakh

छत्तीसगढ़ में 16 लाख के इनामी दो नक्सलियों का आत्मसमर्पण, सुरक्षाबलों पर हुए कई हमलों में थे शामिल

  • अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले दोनों नक्सलियों को राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सहायता राशि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएगी।

Sourabh Jain पीटीआईFri, 23 Aug 2024 07:25 PM
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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में शुक्रवार को सुरक्षाबलों को उस वक्त बड़ी कामयाबी मिली जब संयुक्त रूप से 16 लाख रुपए के इनामी दो नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। 

इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि मड़कम सन्ना (35) और मड़कम मुया (22) माओवादियों की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) बटालियन नंबर 1 के सदस्य थे, जो दक्षिण बस्तर में सक्रिय है। इन दोनों पर 8-8 लाख रुपए का इनाम घोषित था।

अधिकारी ने बताया कि इन दोनों ने वरिष्ठ माओवादियों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों तथा उनकी अमानवीय और खोखली माओवादी विचारधारा से निराश होकर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया।

साथ ही उन्होंने बताया कि दोनों नक्सली राज्य सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति और सुकमा पुलिस के पुनर्वास अभियान 'पुना नरकोम' (स्थानीय गोंडी बोली का शब्द, जिसका अर्थ है नई सुबह, नई शुरुआत) से भी प्रभावित हैं। 

अधिकारी ने बताया कि इनमें से सन्ना सुरक्षाकर्मियों पर हुए कई हमलों में शामिल था, जिसमें 2017 में बुर्कापाल माओवादी हमला भी शामिल है, जिसमें CRPF के 25 जवान मारे गए थे और 2021 में टेकलगुडा की घटना भी शामिल है, जिसमें 22 जवान शहीद हो गए थे।

जबकि मुया कथित तौर पर पुलिस टीमों पर हमलों में शामिल था। उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस, CRPF की 219वीं बटालियन की खुफिया शाखा और पड़ोसी ओडिशा पुलिस ने दोनों के आत्मसमर्पण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 25-25 हजार रुपए की सहायता दी गई है और सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा।

इससे पहले गुरुवार को धमतरी जिले में एक इनामी नक्सली ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण किया था। पुलिस के मुताबिक सीतानदी क्षेत्र समिति के सदस्य और नक्सली उप कमांडर अजय उर्फ ​​अघन (26) ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण किया था। इस नक्सली पर 5 लाख रूपए का इनाम घोषित था। इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया था कि अजय उर्फ ​​अघन सीतानदी में प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के उप कमांडर और क्षेत्र समिति सदस्य के रूप में सक्रिय था।

अधिकारियों ने बताया कि नक्सली अजय ने माओवादियों की खोखली विचारधारा, भेदभाव-पूर्ण व्यवहार, उपेक्षा और प्रताड़ना से तंग आकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि नक्सली के खिलाफ ग्रामीण की हत्या, पुलिस दल पर हमला, बारूदी सुरंग लगाने समेत कई माओवादी घटनाओं में शामिल होने का आरोप था।

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