छत्तीसगढ़ में हाथियों के रौंदने से दो मासूमों की मौत; माता-पिता सहित अन्य बच्चों ने भागकर बचाई जान
पूरी झोपड़ी तहस-नहस हो चुकी थी। दोनों बच्चों की लाशें पड़ी थीं। झोपड़ी में रखा अनाज भी हाथी चट कर गए थे। घटना के बाद से परिवार में मातम का माहौल छाया हुआ है।
छत्तीसगढ़ से हाथियों के हमले में दो मासूम बच्चों की जान चले जाने की खबर सामने आई है। घटना सूरजपुर की है। यहां जंगल में झोपड़ी बनाकर रह रहे जनजाती परिवार के ऊपर हाथियों के झुंड ने देर रात सोते समय हमला कर दिया। इसमें परिवार के दो मासूम बच्चों की मौत हो गई। वहीं पति-पत्नी और तीन अन्य बच्चे भागकर जान बचाने में कामयाब हो गए। घटना के बाद से परिवार में मातम का माहौल छाया हुआ है।
देर रात किया हाथियों के झुंड ने हमला
बताया गया कि देर रात हाथियों ने हमला बोला तो बिखू पंडो अपनी पत्नी और पांच बच्चों के साथ झोपड़ी में सो रहे थे। अचानक हुए हमले में पति-पत्नी और अन्य तीन बच्चों ने किसी तरह भागकर जान बचा ली, लेकिन दो बच्चे गहरी नींद में सोने के कारण वहां से भागने में कामयाब नहीं हो सके। इनके नाम बिसू पंडो और काजल है। इनकी उम्र 11 साल और 5 साल है। हाथियों ने झोपड़ी को बुरी तरह तहस-नहस कर दिया था। इस हमले में भागने में कामयाब ना होने वाले दोनों मासूमों की जान चली गई।
तहस नहस झोपड़ी में पड़ी मिलीं मासूमों की लाशें
जंगल से भागने के बाद पांचो गांव चले गए और रात गुजारने के बाद वापस आए तो देखकर दंग रह गए। पूरी झोपड़ी तहस-नहस हो चुकी थी। दोनों बच्चों की लाशें पड़ी थीं। झोपड़ी में रखा अनाज भी हाथी चट कर गए थे। घटना की जानकारी मिलने पर वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि हाथी इस इलाके के आस-पास काफी समय से घूमते हुए पाए गए थे, लेकिन वन विभाग के लोगो ने पंडो जनजाती के परिवार को इसके बारे में आगाह नहीं किया था। इस मामले पर आगे जांच की जाएगी और लोगों को इस तरह की घटनाओं से सुरक्षित रखने के लिए आगाह करने की भी तैयारियां की जा रही
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