सूरजपुर: बंद खदान में चोरी करने गए थे कोयला, मिट्टी में धंसने से दो ग्रामीणों की मौत
सूरजपुर जिले में बंद पड़ी दुग्गा खुली खदान में कोयला चोरी करने गए दो ग्रामीणों की खदान के धंस जाने से मौत हो गई। पुलिस की टीम ग्रामीणों की मदद से दोनों को बाहर निकाला गया, तबतक उनकी मौत हो चुकी थी।
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिला अंतर्गत भटगांव एसईसीएल क्षेत्र के बंद पड़ी दुग्गा खुली खदान में कोयला चोरी करने गए दो ग्रामीणों की खदान के धंस जाने से मौत हो गई। कोयला निकालने के दौरान उनके ऊपर मिट्टी भरभराकर गिर गई एवं दोनों मिट्टी के ढेर में दब गए। जब तक पुलिस की टीम ग्रामीणों की मदद से दोनों को बाहर निकाला गया, तबतक उनकी मौत हो चुकी थी। घटना के बाद पुलिस की टीम एसईसीएल के अधिकारियों के साथ बंद पड़ी खदान के निरीक्षण एवं सुरक्षा का उपाय करेगी।
एसईसीएल भटगांव क्षेत्र कि दुग्गा खुली खदान फारेस्ट क्लीयरेंस न होने के कारण करीब दस साल पहले बंद हो गई थी। पूरी तरह असुरक्षित इस खदान से कोयला चोरी करने आसपास के ग्रामों से लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। खुली खदान के कई क्षेत्र कोयला निकालने के कारण असुरक्षित हो चुके है। बीती रात बंद दुग्गा खुली खदान में बैजनाथपुर के रामकेश्वर राजवाड़े और सुखलाल राजवाड़े कोयला चोरी करने गए हुए थे। कोयला निकालने के दौरान ऊपर की मिट्टी इनके ऊपर गिर गई और दोनों मिट्टी के ढेर में दब गए।
पहले भी होती रही हैं ऐसी घटनाएं
प्रतापपुर एसडीओपी अमोलक सिंह ने बताया कि गुरुवार देर रात को घटना की सूचना भटगांव पुलिस को मिली थी। रात में ही पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई थी। एसईसीएल और ग्रामीणों की मदद से मिट्टी का ढेर हटाकर दोनों को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। इस घटना के सामने आने के बाद शुक्रवार को पुलिस की टीम एसईसीएल के अधिकारियों को साथ लेकर बंद पड़ी खदान क्षेत्र का निरीक्षण करेगी। खतरनाक स्थलों तक लोग न पहुंच सकें, इसके लिए सुरक्षा उपायों पर चर्चा कर उस अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। बता दें कि जिले के एसईसीएल भटगांव और विश्रामपुर क्षेत्र की कई खदानें बंद हो चुकी हैं। बंद पड़ी खदानों से कोयला चोरी के दौरान ऐसी घटनाएं पहले भी होती रही हैं।
सुरंग बनाकर कोयला निकाल रहे ग्रामीण
बंद दुग्गा खदान एवं महान 2 खदान में बड़़ी संख्या में ग्रामीण कोयला चोरी करने के लिए पहुंचते हैं। यहां बड़े पैमाने पर कोयला अब भी मिट्टी के ढेर में पड़ा है। यहां कोयला निकालने के लिए लोगों ने सुंरग बना दी है और अंदर घुसकर ग्रामीण कोयला खोदकर निकालते हैं। यह कोयला ईंट भट्ठों के साथ अवैध तस्करों को बेचा जाता है। यहां ग्रामीणों ने कई सुरंगें करीब 10 से 15 फीट तक बना दी है,जिसके धंसने का खतरा हमेशा बना रहता है।
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