छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के लिए लेवी वसूलने के आरोप में 5 गिरफ्तार, तेंदूपत्ता ठेकेदार रहते थे निशाने पर
बीजापुर जिले के भैरमगढ़ क्षेत्र में तेंदूपत्ता ठेकेदारों को नुकसान पहुंचाने की धमकी देकर नक्सलियों की तरफ से सोनाराम, विजय, रामलाल और राजेंद्र कड़ती के द्वारा लेवी वसूल की जा रही थी।
छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में नक्सलियों के लिए 'लेवी' वसूलने के आरोप में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि नक्सलियों के लिए लेवी वसूलने के आरोप में पुलिस ने सोनाराम फरसा (28), विजय जुर्री (32), रामलाल करमा (35), राजेंद्र कड़ती (30) और विवेक सिंह (35) को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि जिले के मदनवाड़ा थाना क्षेत्र में इस साल अप्रैल महीने में गिरफ्तार नक्सल सहयोगी सूरजू राम टेकाम के मामले की जांच के दौरान जानकारी मिली कि टेकाम माओवादी विचारधारा के प्रचार-प्रसार और शहरी नेटवर्क को आगे बढ़ाने के लिए लगातार शहरी क्षेत्रों में भ्रमण कर रहा था।
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) द्वारा पर्दे के पीछे से प्रायोजित ऑपरेशन कगार, कार्पोरेटीकरण, सैनिकीकरण के विरोध में इस साल 23 मार्च को दिल्ली में कार्यक्रम रखा गया था। जिसमें शामिल होने के लिए टेकाम 22 मार्च को विमान से रायपुर से दिल्ली गया था।
उन्होंने बताया कि नक्सलियों के लेवी से प्राप्त रुपयों से टेकाम तथा सोनाराम फरसा के लिए टिकट बुक कराई गई थी। टेकाम ने फरसा को लेवी के कुछ रुपए भेजने तथा साथ चलने के लिए कहा था। तब फरसा ने टेकाम को पैसे भेजे थे।
अधिकारियों ने बताया टेकाम ने विमान की टिकट बुक करने के लिए विवेक सिंह को पैसे भेजे थे। विवेक सिंह, टेकाम के कहने पर नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को लगातार अलग-अलग माध्यम से सहयोग कर रहा। वह एक-दूसरे के संपर्क में भी थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि बीजापुर जिले के भैरमगढ़ क्षेत्र में तेंदूपत्ता ठेकेदारों को नुकसान पहुंचाने की धमकी देकर सोनाराम फरसा, विजय जुर्री, रामलाल करमा और राजेंद्र कड़ती के माध्यम से लेवी वसूली की जा रही थी।
इन्हें साल 2022 में एक करोड़ रुपए लेवी वसूलने का टारगेट दिया गया था। फरसा, जुर्री, करमा और कड़ती ने अपने बैंक खातों के माध्यम से लेवी के लगभग 60 लाख रुपए प्राप्त किए और बाद में नगद रूपए निकालकर नक्सलियों तक पहुंचाया था।
उन्होंने बताया कि राजेंद्र कड़ती का बड़ा भाई मोहन कड़ती भैरमगढ़ क्षेत्र में नक्सली कमांडर है। यह सभी कई वर्षों से नक्सलियों के साथ मिलकर ठेकेदारों से लेवी वसूली करने, नक्सलियों को राशन, दवाई और अन्य जरूरत का सामान पहुंचाने का काम कर रहे थे।
अधिकारियों ने बताया कि आरोपी माओवादियों के आदेश पर शहरी नेटवर्क को सहायता पहुंचाने के लिए संगठन के शहरी सदस्यों के यात्रा और अन्य खर्चों के लिए ऑनलाइन पैसे हस्तांतरित करते थे। जिसके तहत सूरजू राम टेकाम को यात्रा के लिए लेवी का पैसा दिया गया। उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है। इस मामले में पुलिस पैसों के लेन-देन तथा इलेक्ट्रॉनिक और अन्य दस्तावेजों का विश्लेषण कर रही है।
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