Hindi Newsछत्तीसगढ़ न्यूज़coal crisis in steel industries of chhattisgarh CM Bhupesh Baghel seeks help from Union Minister Prahlad Patel

छत्तीसगढ़ के स्टील उद्योगों में कोल संकट, CM भूपेश ने केंद्रीय मंत्री से मांगी मदद, हर महीने 1.50 करोड़ टन की जरूरत

छत्तीसगढ़ के स्टील उद्योगों में कोयले का संकट गहराने लगा है। स्टील उद्योग को हर महीने एक करोड़ 50 लाख टन कोयले की जरूरत है, लेकिन SECL उन्हें केवल 60 लाख टन कोयले की आपूर्ति कर रही है।

Sandeep Diwan लाइव हिन्दुस्तान, रायपुरSat, 30 July 2022 11:59 PM
share Share

छत्तीसगढ़ के स्टील उद्योगों में कोयले का संकट गहराने लगा है। स्टील उद्योग को हर महीने एक करोड़ 50 लाख टन कोयले की जरूरत है, लेकिन साउथ ईस्ट कोल फील्ड्स लिमिटेड (SECL) उन्हें केवल 60 लाख टन कोयले की आपूर्ति कर रही है। अगस्त माह में कोयले की आपूर्ति रोकने की बात कही जा रही है, जिससे उद्योगों में तालाबंदी की नौबत आ जाएगी और अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। कोयला उत्पादक राज्य को उसके ही लघु उद्योगों को कोयले की आपूर्ति न किया जाना दुर्भाग्यजनक निर्णय होगा। सीएम भूपेश बघेल ने केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखकर मदद मांगी है।

सीएम भूपेश बघेल ने पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में प्रतिवर्ष 15 करोड़ टन से अधिक कोयले का उत्पादन होता है। कोयला उत्पादन में छत्तीसगढ़ का देश में दूसरा स्थान है। प्रदेश में कोयले का खनन कर देश के दूसरे राज्यों को भेजा जाता है। छत्तीसगढ़ स्टील उत्पादन के क्षेत्र में भी अग्रणी राज्य है। राज्य में अनेक बड़ी स्टील उत्पादक इकाइयों के अलावा सैकड़ों छोटी इकाइयां संचालत है। इन उद्योगों में लाखों लोगों को रोजगार मिला हुआ है। पिछले 6 महीनों से देश में कोयले का संकट गहराया है। छत्तीसगढ़ के कोल माइंस से कोयला खनन कर प्राथमिकता के आधार पर रेल मार्ग से दूसरे राज्यों में कोयले की सप्लाई की जा रही है। कोल परिवहन की वजह से प्रदेश की यात्री ट्रेनों को बंद किया गया, जिससे लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

कोयला नहीं मिलने से उद्योगों में तालाबंदी की नौबत
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि कोल संकट के कारण ही प्रदेश के स्टील उद्योगों (पावर प्लान्ट्स को छोड़कर) को एसईसीएल द्वारा अगस्त माह से कोयले की आपूर्ति रोकने का निर्णय लिया गया है। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी। पावर प्लांट को छोड़कर अन्य छोटी-बड़ी इकाइयों में तालेबंदी की नौबत आ जाएगी। मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि ‘‘प्रदेश के स्टील निर्माताओं को वर्तमान में 60 लाख टन कोयला प्रतिमाह एसईसीएल द्वारा दिया जा रहा है, जबकि उनकी डिमांड लगभग 1.50 करोड़ टन है। कोयला उत्पादक राज्य को उसके ही लघु उद्योगों को कोयले की आपूर्ति न किया जाना दुर्भाग्यजनक निर्णय होगा। केंद्रीय मंत्री, इस संबंध में SECL के अधिकारियों को निर्देश दें, ताकि राज्य में गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न होने से रोका जा सके।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें