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Chhattisgarh: चुनावी साल में CM भूपेश बघेल का जूनियर डॉक्टरों को बड़ा गिफ्ट, स्टाइपेंड में भारी बढ़ोतरी

Chhattisgarh Election News: चुनावी साल में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने जूनियर डॉक्टरों को बड़ा गिफ्ट दिया है। उन्होंने जूनियर डॉक्टरों के स्टाइपेंड में भारी बढ़ोतरी की है।

Krishna Bihari Singh लाइव हिंदुस्तान, रायपुरSat, 5 Aug 2023 07:18 PM
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में जूनियर डॉक्टरों का स्टाइपेंड बढ़ाने का फैसला किया है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अब एमबीबीएस छात्रों को हर महीने 12,600 रुपये की जगह 15,900 रुपये मिलेंगे। वहीं प्रथम वर्ष के स्नातकोत्तर (पीजी) छात्रों को मौजूदा 53,550 रुपये की जगह हर महीने 67,500 रुपये मिलेंगे। इसी तरह दूसरे साल के पीजी छात्रों का स्टाइपेंड 56,700 रुपये से बढ़ाकर 71,450 रुपये प्रति माह जबकि तीसरे साल के पीजी छात्रों का स्टाइपेंड 59,220 रुपये की जगह 74,600 रुपये प्रति माह कर दिया गया है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा- यह बताते हुए संतुष्टि हो रही है कि हमने जूनियर डॉक्टरों के लिए स्टाइपेंड बढ़ाने का फैसला किया है। स्टाइपेंड बढ़ोतरी जूनियर डॉक्टरों की लंबे समय से लंबित मांग थी, जिन्होंने पिछले तीन वर्षों के दौरान कई बार इसके समर्थन में हड़ताल की थी। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (JUDA) पिछले तीन वर्षों से बढ़ोतरी की मांग कर रहा था। 

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (JUDA) के पूर्व अध्यक्ष डॉ प्रेम चौधरी ने कहा- पांच वर्षों से जूनियर डॉक्टरों का स्टाइपेंड नहीं बढ़ाया गया था। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (JUDA) पिछले तीन वर्षों से इसकी मांग कर रही थी। सरकार की ओर से की गई यह बढ़ोतरी एक कदम स्वागत योग्य कदम है लेकिन राज्य सरकार को ग्रामीण क्षेत्र में काम कर रहे डाॅक्टरों के वेतन वृद्धि पर भी विचार करना चाहिए।

छत्तीसगढ़ की अनिवार्य ग्रामीण सेवा बांड नीति के तहत, छात्रों को स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद दो साल और फिर स्नातकोत्तर के बाद दो साल तक सरकारी अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों में काम करना पड़ता है। डॉ. प्रेम चौधरी ने बताया कि यदि कोई डॉक्टर सरकार की शर्तें मानने से इनकार करता है तो उसे स्नातक के लिए 25 लाख रुपये और पीजी के लिए 50 लाख रुपये देना पड़ता है। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने पहले यूजी और पीजी के बाद बांड की अवधि को घटाकर एक वर्ष करने की मांग की थी, लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया था। 

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