छत्तीसगढ़ में भाजपा ने खेला ट्रंप कार्ड, हारने वाली सीटों पर क्यों दिया नए चेहरों को मौका? समझें
जिला पंचायत और सरपंच बनकर क्षेत्र में काम कर रहे कार्यकर्ताओं को टिकट देकर भाजपा ने दिग्गज नेताओं की बोलती बंद कर दी है। भाजपा ने जाति, समाज और बहुलता के आधार पर ट्रंप कार्ड खेल दिया है।
BJP Candidate List Chhattisgarh: भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ के 21 प्रत्याशियों की सूची जारी कर कांग्रेस पार्टी को चौंका दिया है। सबसे ज्यादा चौकाने वाली बात तो यह है कि भाजपा की सूची में दिग्गजों का नाम ही नहीं है। लंबे समय से चुनाव लड़ रहे या टिकट की बाट जोह रहे नेताओं को जोर का झटका लगा है। जिला पंचायत और सरपंच बनकर क्षेत्र में काम कर रहे कार्यकर्ताओं को टिकट देकर भाजपा ने दिग्गज नेताओं की बोलती बंद कर दी है। भाजपा ने जाति, समाज और बहुलता के आधार पर ट्रंप कार्ड खेल दिया है।
बता दें कि प्रेमनगर, भटगांव, प्रतापपुर एवं रामानुजगंज के साथ लुंड्रा विधानसभा क्षेत्रों से भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा हुई है। जिन सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशी घोषित किए हैं, इनमें प्रतापपुर को छोड़कर शेष सभी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को लगातार पिछले दो विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा ने प्रत्याशियों के चयन में जातिगत समीकरण को विशेष रूप से ध्यान में रखकर सत्तासीन कांग्रेस की चुनौती बढ़ा दी है। रामानुजगंज क्षेत्र में रमन सरकार के पूर्व मंत्री एवं पूर्व राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम को फिर से चुनाव मैदान में उतारा गया है। वहीं लुंड्रा सीट से लगातार हार झेल रही भाजपा ने अंबिकापुर के पूर्व महापौर प्रबोध मिंज को प्रत्याशी बनाया है।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य को बनाया प्रत्याशी
भाजपा की पहली सूची में अनारक्षित सूरजपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व जिला पंचायत सदस्य भूलन सिंह को प्रत्याशी बनाया है। वर्ष 2008 में विधानसभाओं के परिसीमन के बाद अनारक्षित इस सीट से वर्ष 2008 में भाजपा की प्रत्याशी रेणुका सिंह ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद वर्ष 2013 व 2018 के चुनाव में कांग्रेस के खेलसाय सिंह ने जीत दर्ज की। वर्ष 2013 में उन्होंने भाजपा की रेणुका सिंह और वर्ष 2018 में विजय प्रताप सिंह को हराया था। अनारक्षित इस सीट से भाजपा ने गोंड़ समाज के भूलन सिंह को प्रत्याशी बनाया है। पंचायत में कई बार सरपंच रहे भूलन सिंह वर्ष 2015 में जिला पंचायत सदस्य बनें। वे वर्तमान में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष हैं। जातिगत समीकरणों के आधार पर यहां गोंड़ समाज के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है। वर्तमान विधायक खेलसाय सिंह भी गोंड़ समाज से हैं। यहां भाजपा प्रतिद्वंद्वी गोंड़ समाज के वोट बैंक पर सेंध लगा सकेगी। भाजपा में कई दावेदार थे, इनमें भूलन सिंह ऐसा नाम है, जिन्हें सर्वमान्य कहा जा सकता है।
जिला पंचायत सदस्य हैं लक्ष्मी रजवाड़े
सूरजपुर जिले की दूसरी अनारक्षित सीट भटगांव से भाजपा ने युवा नेत्री लक्ष्मी राजवाड़े को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। लक्ष्मी राजवाड़े वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य हैं। लक्ष्मी राजवाड़े कम समय में भाजपा में अपनी पैठ बनाने में कामयाब रहीं। उन्होंने राजनैतिक जीवन की शुरुआत जनपद सदस्य के रूप में की थी। वर्तमान में वे जिला पंचायत की सदस्य तथा सूरजपुर भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं। वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई अनारिक्षत भटगांव विधानसभा सीट से पहला चुनाव रविशंकर त्रिपाठी ने जीता था। सड़क हादसे में उनका निधन हो जाने के बाद उपचुनाव में उनकी धर्मपत्नी रजनी त्रिपाठी विधायक बनीं। वर्ष 2013 और वर्ष 2018 में भाजपा को यहां हार का सामना करना पड़ा। दोनों चुनावों में कांग्रेस के वर्तमान विधायक पारस नाथ राजवाड़े ने श्रीमती रजनी त्रिपाठी को शिकस्त दी। जातिगत समीकरणों में भटगांव में सर्वाधिक आबादी रजवार समाज की है, जिससे भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। वर्तमान कांग्रेस विधायक भी रजवार समाज से हैं। भटगांव से भी भाजपा में कई दावेदार थे।
पूर्व गृहमंत्री पैकरा की सीट पर इस बार अधिवक्ता
अजजा वर्ग के लिए आरक्षित प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने बलरामपुर भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष श्रीमती शकुंतला पोर्ते को चुनाव मैदान में उतारा है। पेशे से अधिवक्ता रहीं शकुंतला पोर्ते तेज तर्रार नेत्री मानी जाती हैं। वे जनपद सदस्य भी रह चुकी हैं। वे भाजपा के कई पदों पर पूर्व में कार्य कर चुकी हैं। प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में हाल ही में मंत्रिमंडल से हटाए गए शिक्षामंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह विधायक हैं। उन्होंने वर्ष 2018 के चुनाव में रमन सरकार में गृहमंत्री रहे रामसेवक पैकरा को करीब 44 हजार के बड़े अंतर से हराया था। जातिगत समीकरण में प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में गोंड़ समाज की बाहुलता है। शकुंतला पोर्ते भी गोंड़ समाज से हैं। इस लिहाज से भाजपा यहां कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने की स्थिति में आ गई है।
पूर्व गृहमंत्री रामविचार को रामानुजगंज से टिकट
भाजपा ने रामानुजगंज सीट से कद्दावर आदिवासी नेता रामविचार नेताम को चुनाव मैदान में उतारा है। रामविचार नेताम वर्ष 1990 से 2013 तक 5 बार तत्कालीन पाल विधानसभा एवं परिसमीन के बाद गठित रामानुजगंज विधानसभा के विधायक रहे। रमन सरकार के पहले कार्यकाल में नेताम अजाक मंत्री व गृहमंत्री और दूसरे कार्यकाल में जलसंसाधन मंत्री रहे। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बृहस्पति सिंह ने रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र से नेताम को शिकस्त दी और विधायक बनें। रामविचार नेताम वर्ष 2015 में राज्यसभा सदस्य बनें। वे भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व में भी कई पदों पर रहे। रामानुजगंज सीट से वर्तमान विधायक बृहस्पति सिंह लगातार दूसरी बार विधायक हैं। भाजपा की परंपरागत सीट कहे जाने वाले रामानुजगंज सीट में नेताम के बूते भाजपा अपना वर्चस्व वापस कायम करना चाहती है। रामविचार नेताम का मुकाबला पुराने प्रतिद्वंदी बृहस्पति सिंह से होना तय माना जा रहा है।
अंबिकापुर के पूर्व महापौर प्रबोध को दिया टिकट
भाजपा ने सरगुजा जिले के लुंड्रा विधानसभा सीट से प्रबोध मिंज को उम्मीद्वार बनाया है। लुंड्रा विधानसभा कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है। वर्ष 2003 के चुनाव में भाजपा की लहर में यहां से भाजपा के प्रत्याशी विजय नाथ सिंह मात्र 43 वोटों से चुनाव जीतकर विधायक बनें थे। इसके बाद वर्ष 2008, 2013 व 2018 के चुनाव में लगातार कांग्रेस को यहां से जीत मिली है। परिसीमन के बाद लुंड्रा विधानसभा का क्षेत्र बदल गया है, लेकिन अब भी यह सीट भाजपा के लिए चुनौती बनी हुई है। लुंड्रा से प्रत्याशी बनाए गए प्रबोध मिंज दो बार अंबिकापुर नगर निगम के महापौर रह चुके हैं एवं वर्तमान में अंबिकापुर नगर निगम के नेता विपक्ष हैं। लुंड्रा में सर्वाधिक आबादी उरांव समाज की है। इसके बाद कंवर समाज की आबादी है। वर्तमान विधायक डा. प्रीतम राम भी उरांव समाज से हैं। जातिगत समीकरणों के साथ सक्रियता को देखते हुए भाजपा ने लुंड्रा में कांग्रेस के लिए कड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
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