Hindi Newsछत्तीसगढ़ न्यूज़93 yr old Chhattisgarh man to vote first time in upcoming assembly election

अबतक नहीं था वोटर्स लिस्ट में नाम, 93 की उम्र में करेंगे पहली बार मतदान; कांकेर में बुजुर्ग की अनोखी दास्तान

छत्तीसगढ़ के कांकेर के भैंसाकन्हार निवासी 93 वर्षीय बुजुर्ग शेर सिंह हेडको आगामी विधानसभा चुनाव में जीवन में पहली बार मतदान करेंगे। आजतक उनका नाम किसी वोटर लिस्ट में नहीं था।

Abhishek Mishra लाइव हिन्दुस्तान, रायपुरMon, 25 Sep 2023 09:33 AM
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छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर वोटर्स लिस्ट अपडेट की जा रही है। प्रशासन की तरफ से लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही साथ डोर-टू-डोर कैंपेन किया जा रहा है ताकि कोई भी वोटर छूट न जाए। इस बीच एक बुजुर्ग सुर्खियों में है। नक्सल प्रभावित कांकेर जिले में 93 साल का बुजुर्ग जीवन में पहली बार वोटर बना है। दरअसल आज तक बुजुर्ग का नाम वोटर लिस्ट में था ही नहीं। बुजुर्ग की मानें तो उसने किसी भी चुनाव में अबतक वोट नहीं डाला है और आगामी विधानसभा चुनाव में वो जीवन में पहली बार मताधिकार का प्रयोग करेगा। 

कांकेर जिला कलेक्टर प्रियंका शुक्ला के नेतृत्व में जिले में शुरू किए गए डोर-टू-डोर अभियान के दौरान मतदाता सूची में गैर-बुजुर्ग का नाम जोड़ा गया है। भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम भैंसाकन्हार के निवासी शेर सिंह हेडको (93) इस विधानसभा चुनाव में पहली बार मतदान करेंगे। कई वर्ष बीत जाने के बाद भी उनका नाम सूची में नहीं जोड़ा गया। दस्तावेजों में त्रुटियां भी इसका एक संभावित कारण हो सकती है।

93 साल के बुजुर्ग हेडको के परिजनों ने बताया कि मतदाता सूची में नाम जोड़े जाने के बाद वो काफी उत्साहित हैं। उम्र के चलते वह ठीक से बोलने में भी असमर्थ हैं।

कांकेर जिलाधिकारी प्रियंका शुक्ला ने बताया कि जिले में मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस पहल के तहत, बूथ स्तर के अधिकारी (बीएलओ) मतदाता सूची में छूटे हुए पात्र व्यक्तियों के नाम दर्ज करने के लिए घर-घर अभियान चला रहे हैं। इसी पहल के तहत, बीएलओ राजेंद्र कोसमा, जो शेर सिंह के पोते का नाम दर्ज करने गए थे, उन्हें पता चला कि गैर-वयोवृद्ध का नाम भी लिस्ट में नहीं जोड़ा गया है और उन्होंने अबतक एक बार भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया है। इसके बाद, शेर सिंह की औपचारिकताएं पूरी की गईं। 

जिलाधिकारी ने कहा “यह हमारे बीएलओ की एक उल्लेखनीय उपलब्धि है कि उन्होंने उन लोगों से संपर्क किया, जो कुछ कारणों से मतदाता सूची में छूट गए थे, उनके घर-घर जाकर लोगों से संपर्क किया और उनका नाम जोड़ना सुनिश्चित किया।"

इसके अलावा, अंतागढ़ और भानुप्रतापपुर ब्लॉक में कई वरिष्ठ नागरिकों के नाम भी इस बार जोड़े गए हैं। जिलाधिकारी ने अभियान को सही दिशा में बढ़ाने और सफल बनाने का श्रेय बीएलओ, ईआरओ (निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी) और स्वीप (व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी) की टीम को दिया है।

 

 

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