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छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों को मिला नक्सलियों का ठिकाना, भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद

नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबल ऐक्शन मोड में हैं। इसी कड़ी में शनिवार सुबह सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में माओवादियों के एक ठिकाने का पता लगाया और हथियार एवं विस्फोटक सामग्री बरामद की।

Sneha Baluni सुकमा। पीटीआईSat, 22 Feb 2025 02:16 PM
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छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों को मिला नक्सलियों का ठिकाना, भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद

नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबल ऐक्शन मोड में हैं। इसी कड़ी में शनिवार सुबह सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में माओवादियों के एक ठिकाने का पता लगाया और हथियार एवं विस्फोटक सामग्री बरामद की। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम ने चिंतागुफा पुलिस थाने की सीमा के अंतर्गत गुंडराजगुडेम गांव के पास चिंतावागु नदी के जंगल से हथियार और विस्फोट बरामद किए गए।

अधिकारी ने बताया कि नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 131वीं बटालियन, कोबरा (सीआरपीएफ की एक विशिष्ट इकाई- कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन) की 203वीं बटालियन और जिला बल के जवानों ने मेट्टागुडा में अपने नए स्थापित शिविर से शुक्रवार को अभियान शुरू किया था। अधिकारी ने बताया कि टीम पहाड़ी पर जंगलों की घेराबंदी कर रही थी, तभी उसे माओवादियों का एक ठिकाना दिखाई दिया। उन्होंने बताया कि उन्होंने दो देसी हथियार, 50 ग्राम विस्फोटक पाउडर, एक दूरबीन, 12 सीरिंज, माओवादियों की वर्दी, साहित्य, डायरी और कुछ इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त किए।

इससे पहले मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में पुलिस मुठभेड़ में मारी गयी चार महिला नक्सली छत्तीसगढ़ की रहने वाली थीं और उन पर कुल 62 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि ये नक्सली बुधवार को मुठभेड़ में मारी गयीं और वे मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के पुलिस बलों द्वारा वांछित थीं। उन्होंने बताया कि इन राज्यों की पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग राशि का इनाम घोषित किया था।

अधिकारियों के अनुसार उनमें से एक 'कमांडर' आशा थी जिसके खिलाफ मध्यप्रदेश में 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में माओवादियों पर सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव के कारण, उनमें (नक्सलियों में) से कुछ पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए बालाघाट में घुस गए हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ महीनों में मुठभेड़ों में दर्जनों विद्रोही (नक्सली) मारे गए हैं।

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