छत्तीसगढ़ में पत्रकारों को झूठे केस में फंसाने वाला TI निलंबित, गया जेल; जानिए रची थी कौन सी साजिश?
- स्थानीय पत्रकारों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे बस्तर ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रेस की स्वतंत्रता को डराने का प्रयास बताया। पत्रकारों ने पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग करते हुए इसे उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा के समक्ष रखने की बात कही है।
छत्तीसगढ़ के कोंटा में पत्रकारों के वाहन में गांजा रखकर उन्हें झूठे मामले में फंसाने से जुड़े केस में पुलिस ने कोंटा के थाना प्रभारी (टीआई) अजय सोनकर को निलंबित करते हुए मंगलवार को उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। सुकमा पुलिस अधीक्षक किरन चव्हाण ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि टीआई सोनकर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 324 और 331 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और कोर्ट में पेश किए जाने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।
मामला कुछ दिनों पहले का है, जब टीआई अजय सोनकर पर चार टीवी पत्रकारों धर्मेन्द्र, बप्पी, मनीष और नीशू को फंसाने का आरोप लगा था। इन पत्रकारों को आंध्र प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि टीआई सोनकर ने ही साजिश के तहत इन पत्रकारों की गाड़ी में गांजा रखवाया था, जिससे उन्हें फंसाया जा सके।
यह घटना तब घटी जब ये पत्रकार रेत खनन मामले की रिपोर्टिंग कर रहे थे। यह क्षेत्र आंध्र प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है और यहां रेत माफिया सक्रिय हैं, जिन्हें स्थानीय पुलिस का संरक्षण प्राप्त था। पत्रकारों की गिरफ्तारी की जानकारी जब उच्चाधिकारियों तक पहुंची, तो इस पर काफी हंगामा हुआ। राज्य के उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए थे।
सुकमा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) किरण चव्हाण ने पत्रकारों द्वारा दर्ज की गई शिकायत के बाद शुरू की गई जांच के बारे में मीडिया को जानकारी दी। जांच में टीआई सोनकर की साजिश की पुष्टि होने पर मंगलवार 13 अगस्त को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया। इस कार्रवाई से प्रदेश में पत्रकारों के प्रति हो रहे उत्पीड़न के खिलाफ कड़ा संदेश गया है।
पत्रकारों को झूठे मामले में फंसाने के चलते पत्रकार वर्ग में भारी आक्रोश फैल गया। जिसके बाद मंगलवार को जगदलपुर के नयापारा में बस्तर जिला पत्रकार संघ के पत्रकार भवन में सात जिलों पत्रकारों ने सुकमा पुलिस द्वारा बस्तर के चार पत्रकारों को गांजा तस्करी में झूठे तरीके से फंसाने की शर्मनाक साजिश पर अपनी नाराजगी जताई।
पत्रकारों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे बस्तर ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रेस की स्वतंत्रता को डराने का प्रयास बताया। बैठक के दौरान पत्रकारों ने सर्वसम्मति से पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग करने का निर्णय लिया। पत्रकारों ने इस मांग को उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा के समक्ष रखने की बात कही है जो 15 अगस्त को ध्वजारोहण करने जगदलपुर आ रहें हैं।
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