Hindi Newsछत्तीसगढ़ न्यूज़Naxalites shocking new claim about the encounter in Chhattisgarh in which 12 Maoists were killed

छत्तीसगढ़ में जिस मुठभेड़ में मारे गए थे 12 माओवादी, उसे लेकर नक्सलियों का हैरान करने वाला नया दावा

  • मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने मौके से आधुनिक हथियार, राकेट लॉन्चर, वायरलेस सेट और विस्फोट भी बरामद किए थे, जिनका उपयोग नक्सली हमेशा बड़े हमलों की तैयारी के लिए करते थे।

Sourabh Jain लाइव हिन्दुस्तान, बीजापुर, छत्तीसगढ़Sat, 18 Jan 2025 09:54 PM
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सुरक्षाबलों ने हाल ही में छत्तीसगढ़ के बीजापुर में तेलंगाना सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था। इस दौरान 16 जनवरी को हुई मुठभेड़ में 12 हार्डकोर माओवादियों को ढेर कर दिया था। जिसमें से 5 महिला और 7 पुरुष नक्सली थे। यह मुठभेड़ करीब 13 घंटों तक चली थी और इस ऑपरेशन को 3 हजार से ज्यादा जवानों ने अंजाम दिया था। अब नक्सलियों ने इस मुठभेड़ को लेकर एक नया खुलासा किया है।

नक्सली बोले- 12 नहीं 18 माओवादियों की हुई थी मौत
दरअसल पुलिस ने इस मुठभेड़ में 12 नक्सलियों के मारे जाने का दावा किया था। लेकिन हाल ही में माओवादियों ने एक प्रेस नोट जारी कर इसमें 18 नक्सलियों के मारे जाने की बात कही है। नक्सलियों की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि इस मुठभेड़ में मोस्ट वांटेड नक्सली दामोदर उर्फ चोखा राव भी मारा गया है, जो कि कमांडर स्टेट कमेटी मेम्बर और तेलंगाना स्टेट कमेटी का चीफ था। साथ ही उस पर 50 लाख रुपए का इनाम भी घोषित था। इसके अलावा PPCM हुंगी, देवे, जोगा और नरसिंह राव भी मारे गए हैं।

बता दें कि इस मुठभेड़ में जवानों ने 12 नक्सलियों के शव बरामद किए थे, लेकिन नक्सलियों ने 18 माओवादियों के मारे जाने की जानकारी प्रेस नोट में दी है। मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने मौके से आधुनिक हथियार, राकेट लॉन्चर, वायरलेस सेट और विस्फोट भी बरामद किए थे, जिनका उपयोग नक्सली हमेशा बड़े हमलों की तैयारी के लिए करते थे।

बस्तर के आईजी पी. सुन्दरराज ने बताया था कि यह मुठभेड़ पामेड़, बासागुड़ा और उसूर क्षेत्र के जंगलों में हुई थी। यह इलाका माओवादी गतिविधियों का गढ़ माना जाता है। सुरक्षाबलों को मुखबिर से सूचना मिली कि जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी है। इसके बाद तीन जिलों सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा के हजारों जवानों ने इलाके को चारों ओर से घेर लिया था। ऑपरेशन में डीआरजी सुकमा, डीआरजी बीजापुर, डीआरजी दंतेवाड़ा और एसटीएफ कोबरा की 204, 205, 206, 208, 210 और CRPF की 229 बटालियन शामिल थीं।

शव और भारी मात्रा में हथियार हुए थे बरामद
मुठभेड़ के बाद मारे गए नक्सलियों के शवों को जिला मुख्यालय लाया गया था, इन नक्सलियों में PLGA बटालियन नंबर 1 और सेंट्रल रीजनल कमेटी (CRC) के सदस्य शामिल थे। सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के शवों के पास से अत्याधुनिक हथियार और हथियार बनाने के उपकरण भी जब्त किए। जवानों को सूचना मिली थी कि मारुड़बाका और पुजारीकांकेर के जंगलों में भारी संख्या में हथियारबंद नक्सली छिपे हैं। सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर ज्वाइंट ऑपरेशन को अंजाम दिया।

मुठभेड़ के बाद बरामद हथियार और सामान
मुठभेड़ के बाद 2 नग 303 रायफल, 1 नग 12 बोर रायफल, 1 नग 315 बोर रायफल, 1 नग राकेट लॉन्चर (बटालियन टेक्निकल टीम द्वारा निर्मित), 3 नग बीजीएल (लॉन्चर सेल एवं पोच के साथ), 4 नग Muzzle लो़डिंग रायफल, औजार बनाने का उपकरण और लेथ मशीन जिसे मौके पर नष्ट किया गया। इसके अलावा भारी मात्रा में वायरलेस सेट्स, विस्फोटक सामग्री, नक्सल साहित्य और दैनिक उपयोग में काम आने वाला सामान बरामद हुआ था।

(रिपोर्ट - संदीप दीवान)

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