CG में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता; 16 लाख के इनामी नक्सली दंपति का सरेंडर, 2 अन्य माओवादी गिरफ्तार
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नक्सली रैसिंग साल 2009 में राजनांदगांव के मदनवाड़ा थाना क्षेत्र में पुलिस दल पर हमला तथा 2011 में गरियाबंद जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश पवार के काफिले पर हमला करने की घटना में शामिल था।

छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में कुल 16 लाख रुपए के एक इनामी नक्सली दंपति ने शुक्रवार को सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय में नक्सली रैसिंग कुमेटी उर्फ रतनसिंग (35) और उसकी पत्नी पुनाय आचला उर्फ हिरोंदा (34) ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस के मुताबिक दोनों नक्सली कांकेर जिले के निवासी हैं और इनके सर पर 8-8 लाख रुपए का इनाम घोषित था। इसके अलावा एक अन्य अधिकारी ने बताया कि नारायणपुर जिले में पुलिस ने दो नक्सलियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है, और उनके पास से विस्फोटक भी बरामद किए हैं।
कोंडागांव में हुए सरेंडर की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक वाई अक्षय कुमार ने बताया कि कुमेटी माओवादियों के प्रतिबंधित संगठन की कंपनी नंबर 5 के तहत एक वरिष्ठ कैडर के रूप में सक्रिय था, जबकि उसकी पत्नी इसकी सदस्य थी। इनमें से पुरुष नक्सली के खिलाफ 2009 में राजनांदगांव जिले में और 2011 में गरियाबंद जिले में सुरक्षाबलों पर हमले की घटना में शामिल होने आरोप है। इन हमलों में राजनांदगांव जिले के पुलिस अधीक्षक विनोद चौबे और गरियाबंद जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश पवार समेत 38 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। पुलिस ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ के कांकेर, राजनांदगांव, धमतरी, गरियाबंद, कोंडागांव और पड़ोसी राज्य उड़ीसा में विभिन्न घटनाओं में शामिल होने आरोप है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नक्सली रैसिंग साल 2009 में राजनांदगांव के मदनवाड़ा थाना क्षेत्र में पुलिस दल पर हमला तथा 2011 में गरियाबंद जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश पवार के काफिले पर हमला करने की घटना में शामिल था। राजनांदगांव के मदनवाड़ा की घटना में पुलिस अधीक्षक विनोद चौबे समेत 29 पुलिसकर्मी तथा गरियाबंद जिले की घटना में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश पवार समेत नौ पुलिसकर्मियों की शहादत हुई थी।
अक्षय कुमार ने बताया कि रैसिंग के खिलाफ 2004 में ओडिशा के कोरापुट जिले में हथियार और कारतूस की लूट की घटना में भी शामिल होने का आरोप है। अधिकारियों ने बताया कि रैसिंग की पत्नी पुनाय आचला के खिलाफ भी कई नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप है। उन्होंने बताया कि नक्सली दंपति ने राज्य शासन की नक्सल उन्मूलन नीति से प्रभावित होकर तथा नक्सलियों की खोखली विचारधारा और शोषण से तंग आकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है।
अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सली रैसिंग 2002 से 2023 तक तथा पुनाय 2005 से 2023 तक माओवादी संगठन में सक्रिय थे। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को 'छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति-2025' के तहत प्रोत्साहन राशि के रूप में 50-50 हजार रुपए प्रदान किए गए हैं, साथ ही उन्हें अन्य सुविधाओं का लाभ भी दिया जाएगा।
नारायणपुर से दो नक्सली गिरफ्तार, हथियार व गोला-बारूद बरामद
उधर नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि नक्सल विरोधी अभियान के दौरान ओरछा थाना क्षेत्र के कोडोल, छोटेपालनार और रेंगाबेड़ा गांवों के बीच जंगल में सुरक्षाकर्मियों ने कोंडाराम उसेंडी (35) और करंजे उसेंडी (40) नामक दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने उनके पास से दो डेटोनेटर, एक प्रेशर कुकर, बिजली के तार समेत अन्य सामान बरामद किया है। अधिकारी ने बताया कि दोनों 2024 और 2025 में सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए गोलीबारी, विस्फोट और आईईडी लगाने में शामिल थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।