छत्तीगढ़ में नक्सलियों ने जनअदालत में सुनाया मौत का फरमान, पुलिस मुखबिरी के शक में 2 युवकों की हुई हत्या
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाते हुए नकस्लियों ने दो युवकों को मौत की सजा सुनाई। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने जनअदालत लगाई थी, जिसमें मौत की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद पर्चा जारी करके भी हत्या की जिम्मेदारी ली थी।
बीते दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तीन दिनों के दौरे पर छत्तीसगढ़ गए थे। वहां उन्होंने नक्सल मूवमेंट को खत्म करने का ऐलान किया था। उसी दौरान सुकमा में सुरक्षाबलों ने तीन नक्सलियों को गिरफ्तार भी किया था। मगर अब बीजापुर से दुखद खबर आई है। नकस्लियों ने दो युवकों की हत्या कर दी। नक्सलियों ने इन्हें जनअदालत में सजा सुनाकर मौत के घाट उतारा। वजह है, पुलिस के लिए मुखबिरी करने का आरोप। नक्सलियों ने बाकायदा पर्चा जारी करके हत्या की जिम्मेदारी ली है।
यह घटना बीजापुर के भैरमगढ़ के जैगूर जंगलों की है। यहीं जनअदालत लगाई गई थी। सुनवाई के दौरान युवकों को ग्रामीणों के सामने बंधक बनाया गया। इसके बाद दूसरे दिन की सुबह युवकों के शव मिले। नक्सलियों ने भैरमगढ़ एरिया कमेटी के जरिए एक पर्चा जारी करके हत्या की जिम्मेदारी ली। जारी किए गए पर्चे में भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (माओवादी) के नाम से प्रेस विज्ञप्ति लिखा है।
इसमें लिखा है कि 2021 से सीतू मंडावी मुखबिरी का काम कर रहा है। उसे जनअदालत में डालकर मौत की सजा सुनाई है। सीतू मंडावी भैरमगढ़ ब्लाक के जैगूर गांव का रहने वाला है। उसे 26-08-2024 में मौत की सजा सुनाई गई है। साथ ही इसमें लिखा है कि फर्जी मुठभेड़ बंद करनी चाहिए और ब्राह्मणीय हिन्दुत्व और फासीवादी के खिलाफ संघर्ष जारी रखने की बात कही गई है।
आपको बता दें कि सुकमा में गिरफ्तार किए गए तीन नक्सली भी मुखबिर की सूचना पर ही गिरफ्तार किए गए थे। इन तीनों नक्सलियों की तलाश पुलसि को काफी लंबे समय से थी, क्योंकि इन तीनों पर जगरगुंडा थाना क्षेत्र में हुई नक्सली घटनाओं में शामिल होने के आरोप थे। फिलहाल राज्य की पुलिस नक्सलवादी गतिविधियों को काबू में करने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। इसके लिए केंद्र सरकार हर जरूरी मदद मुहैया कराने में जुटी हुई है।
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