छत्तीसगढ़ में दर्जी की ‘मृत’ पत्नी और 2 बेटियां एक साल बाद वापस लौटीं, अब 3 लाशों की शिनाख्त बनी पुलिस के लिए टेंशन
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक दर्जी यह जानकर हैरान रह गया कि उसकी पत्नी और दो बेटियां अभी भी जिंदा हैं, जबकि उसने पिछले साल अगस्त में उनके शवों की पहचान कर उनका अंतिम संस्कार कर दिया था।
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक दर्जी यह जानकर हैरान रह गया कि उसकी पत्नी और दो बेटियां अभी भी जिंदा हैं, जबकि उसने पिछले साल अगस्त में उनके शवों की पहचान कर उनका अंतिम संस्कार कर दिया था।
रायगढ़ पुलिस ने 45 वर्षीय अबुल हसन को तीनों की सड़ी-गली लाशें सौंपी थीं। हालांकि, पुलिस अब तीनों शवों की तस्वीरें जारी कर उनकी असली पहचान के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश रही हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 8 अगस्त 2023 को बलरामपुर के पास्ता निवासी हसन की 38 वर्षीय पत्नी राबिया पति से झगड़े के चलते अपनी 6 और 3 साल की दो बेटियों के साथ घर से चली गई थी। इसके बाद हसन ने स्थानीय पास्ता थाने में उनकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी।
14 अगस्त को रायगढ़ पुलिस को देहजारी नदी में एक महिला और दो बच्चियों के शव मिले थे। उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की बात कही गई थी। चूंकि हसन ने पत्नी और बेटियों की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी, इसलिए रायगढ़ पुलिस ने शवों की पहचान करने के लिए उसे रायगढ़ बुलाया। हसन ने मोर्चरी में रखे तीनों शवों की पहचान अपनी पत्नी और बेटियों के रूप में की और पुलिस ने शवों को उसे सौंप दिया क्योंकि हसन ने उन पर दावा किया था।
झारखंड की रहने वाली है राबिया
पास्ता थाना प्रभारी विमलेश सिंह ने कहा, "महिला झारखंड की रहने वाली है। अपने पति से झगड़े के बाद वह घर छोड़कर बिना बताए राजस्थान चली गई थी। कुछ महीनों तक वह वही रही और आर्थिक समस्याओं के चलते वह अपने माता-पिता के घर झारखंड में चली गई।"
विमलेश सिंह ने कहा, “हसन को जुलाई में पता चला कि राबिया घर लौट आई है। उसने उससे संपर्क किया और यह जानकर हैरान रह गया कि वह जीवित है। वे फिर से साथ रहने लगे, लेकिन पुलिस को इस बारे में नहीं बताया। जैसे ही उसके घर लौटने की खबर फैली, हमें अपने मुखबिरों से सूचना मिली और हसन से संपर्क किया। उसने पुष्टि की कि वह घर लौट आई है।”
पुलिस ने हसन की पत्नी का बयान दर्ज किया है, जिसके अनुसार उसने किसी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की है। हसन भी पास्ता में अपना किराये का घर छोड़कर 70 किलोमीटर दूर कुसमी में रह रहा था।
रायगढ़ पुलिस के अतिरिक्त एसपी आकाश मरकाम ने बताया कि उस समय हमने सड़ी-गली लाशों को हसन द्वारा पहचाने जाने के बाद उसे सौंप दिया था। अब हम तीनों मृतकों की पहचान के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या शवों को निकाला जाएगा, मरकाम ने कहा कि हम कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करेंगे और तीनों व्यक्तियों की पहचान करने और उनके परिवार के सदस्यों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं।
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