बलौदाबाजार में सीमेंट प्लांट से गैस रिसाव, बिगड़ी कई छात्राओं की तबीयत; प्रशासन ने लिया एक्शन
- कांग्रेस ने स्थानीय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, 'सीमेंट संयंत्रों से हो रहे गैस रिसाव के कारण बलौदाबाजार में 40 छात्राएं बीमार पड़ गईं और कई छात्राएं बेहोश हो गईं।'
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में बुधवार को एक सीमेंट प्लांट से हुए गैस रिसाव के बाद सरकारी स्कूल की 18 से ज्यादा बच्चियों की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्चियों ने बेचैनी व मतली आने की शिकायत की थी। स्थानीय लोगों ने घटना को लेकर एक सीमेंट प्लांट से गैस रिसाव होने का आरोप लगाया, जिसके बाद वहां मौजूद एक फ्यूल सेंटर को बंद करा दिया।
हालांकि अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल घटना के पीछे के सटीक कारणों का पता नहीं चल सका है। लेकिन स्थानीय लोगों ने दावा किया कि पास में बने सीमेंट प्लांट से निकली गैस के कारण यह घटना हुई और इसी वजह से स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। जिसके बाद अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए एक सीमेंट प्लांट में लगे वैकल्पिक ईंधन संसाधन (AFR) केंद्र को बंद कर दिया।
बच्चियों की तबीयत बिगड़ने के बाद स्कूल प्रशासन ने तत्काल लड़कियों के अभिभावकों को सूचना दी और उन्हें जिला अस्पताल और भाटापारा अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनका इलाज जारी है। बच्चियों ने तबीयत बिगड़ने का कारण सीमेंट संयंत्र से निकलने वाली बदबूदार गैस को बताया है।
उधर घटना की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर दीपक सोनी तत्काल बच्चों का हालचाल जानने सुहेला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बच्चों की स्थिति जानी और चिकित्सा अधिकारी को उचित इलाज करने के निर्देश दिया। सोनी ने बच्चों की सीमेंट संयंत्र को लेकर शिकायत पर भी संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। फिलहाल सीमेंट प्लांट के एएफआर एरिया को सील कर दिया गया है।
अधिकारी ने बताया कि स्कूल के पास स्थित श्री सीमेंट प्लांट के AFR सेंटर में प्रदूषण की शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद फैक्ट्री परिसर का निरीक्षण किया गया। अधिकारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया इसके संचालन में प्रदूषण विरोधी मानदंडों का उल्लंघन पाया गया, जिसमें ईंधन उत्पादन के लिए सामग्री को डिकंपोज करने के लिए केमिकल का उपयोग करना शामिल है।
बघेल ने सरकार पर उठाए सवाल
उधर इस बारे में विपक्षी दल कांग्रेस ने भी स्थानीय प्रशासन को निशाने पर लेते हुए लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार की खिंचाई की।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘माननीय मुख्यमंत्री जी! नींद से जाग गए हों तो बेहोश होते स्कूल के बच्चों की सुध ले लीजिए। विष्णुदेव साय, बलौदाबाजार से बेहद भयावह खबर सामने आ रही है। दृश्य इतने भयावाह है कि मैं यहां साझा नहीं कर सकता।’
आगे उन्होंने लिखा, ‘सुहेला स्थित खपराडीह स्कूल के पास गैस के रिसाव से 40 से अधिक बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई है. कुछ बच्चे बेहोश हो गए हैं, कुछ को साँस लेने में तकलीफ हो रही है। 2 बच्चों की हालत गंभीर है, बाकी बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।’
'लगातार तीन दिन से स्कूल में बच्चे बेहोश हो रहे थे, ग्रामीण लगातार प्रशासन से शिकायत कर रहे थे लेकिन प्रशासन सोया रहा और आज यह स्थिति बन गई।'
बघेल ने आगे लिखा ‘ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल के पास स्थित दो बड़े संयंत्रों से प्रदूषण फैल रहा है। गैस का रिसाव हो रहा है जिस कारण से बच्चों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। संयंत्रों से निकलने वाले धुंआ, रासायनिक तत्व और प्रदूषक पदार्थ हवा में घुलकर बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं।’
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