Hindi Newsछत्तीसगढ़ न्यूज़Chhattisgarh High Court gave shock to wife in divorce case gave verdict in favour of husband

तलाक के केस में हाईकोर्ट ने खारिज की पत्नी की सुलह वाली याचिका, पति के हक में सुनाया फैसला

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक पति को तलाक देते हुए तथा वैवाहिक अधिकारों की बहाली के लिए पत्नी की सुलह याचिका को खारिज करते हुए कहा कि आत्महत्या की बार-बार धमकी देना क्रूरता है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, रायपुरFri, 6 Dec 2024 01:10 PM
share Share
Follow Us on

क्या पति या पत्नी द्वारा अपने जीवनसाथी को बार-बार खुदकुशी की धमकी देना तलाक का आधार हो सकता है? छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस मामले में एक महिला को झटका देते हुए पति के हक में फैसला सुनाया है। 

हाईकोर्ट ने एक पति को तलाक देते हुए तथा वैवाहिक अधिकारों की बहाली के लिए पत्नी की सुलह याचिका को खारिज करते हुए कहा कि आत्महत्या की बार-बार धमकी देना क्रूरता है। हाईकोर्ट ने कहा कि जब इस तरह से बार-बार आत्महत्या की धमकियां दी जाती हैं, तो कोई भी पति-पत्नी शांति से नहीं रह सकते। इस मामले में, पति ने पर्याप्त सबूत पेश किए हैं कि पत्नी ने बार-बार आत्महत्या करने की धमकी दी और यहां तक ​​कि छत से कूदकर अपनी जान देने की कोशिश भी की।

क्रूरता को जीवनसाथी के प्रति ऐसे व्यवहार के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो यह उचित आशंका पैदा करता है कि दूसरे पक्ष के साथ रहना हानिकारक या नुकसानदेह होगा।

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की डिवीजन बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों का हवाला देते हुए कहा, “पत्नी के कृत्य इस प्रकार और परिमाण के थे कि उन्होंने पति को दर्द, पीड़ा और मानसिक पीड़ा पहुंचाई, जो वैवाहिक कानून के तहत क्रूरता के बराबर है।”

इसके साथ ही अदालत ने अपने फैसले में पति को पत्नी को स्थायी गुजारा भत्ता के रूप में 5 लाख रुपये देने का भी निर्देश दिया।

दंपति की शादी 28 दिसंबर 2015 को हुई थी, लेकिन फरवरी 2018 से वे अलग रहने लगे। पति ने तलाक की मांग की, जबकि पत्नी ने पति पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सुलह की मांग की।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें