Hindi Newsछत्तीसगढ़ न्यूज़Chhattisgarh govt hands over Mahadev betting app cases to CBI to probe involving ex-CM Bhupesh Baghel

छत्तीसगढ़ सरकार ने महादेव सट्टेबाजी ऐप केस की जांच CBI को सौंपी, भूपेश बघेल की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में कथित महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले के संबंध में दर्ज मामलों को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की सिफारिश की है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। नीरज चौहान (हिन्दुस्तान टाइम्स डॉट कॉम)Mon, 26 Aug 2024 01:55 AM
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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले की जांच अब सीबीआई को सौंप दी है। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने रविवार को यह जानकारी दी।

केंद्रीय जांच एजेंसी छत्तीसगढ़ पुलिस की 4 मार्च की एफआईआर के आधार पर जल्द ही मामला दर्ज करेगी। छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा इस मामले में महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के साथ भूपेश बघेल को भी आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा, महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप मामले के संबंध में पिछले एक साल में राज्य के अलग-अलग थानों में दर्ज करीब 70 अन्य एफआईआर भी सीबीआई को सौंपी जाएंगी।

राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, "शुक्रवार को एफआईआर और प्रारंभिक मामले के दस्तावेजों के साथ सीबीआई जांच के लिए मंजूरी वाला पत्र सौंप दिया गया है।"

अधिकारी ने कहा कि जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि संघीय एजेंसी "बड़ी साजिश का पता लगाने, उन लोगों की भूमिका की बेहतर ढंग से जांच करने में माहिर है जिनके नाम राज्य पुलिस की जांच में नहीं बताए गए थे क्योंकि कई पुलिस अधिकारी भी कथित तौर पर इसमें शामिल हैं"। अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा, सीबीआई यूएई से (आरोपी) सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल का प्रत्यर्पण करवाने में भी बेहतर स्थिति में है।

सीबीआई ने राज्य एजेंसियों से जांच अपने हाथ में लेते हुए अपना खुद का नियमित केस (आरसी) फिर से दर्ज किया है - जो सीबीआई के लिए एफआईआर के बराबर है। इसका मतलब यह है कि सीबीआई के केस में भी भूपेश बघेल का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज किए जाने की संभावना है।

गौरतलब है कि, एचटी ने 17 मार्च को एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में बताया था कि छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने महादेव ऐप मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी के आरोपों के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भूपेश बघेल को आरोपी बनाया है।

ईओडब्ल्यू ने जुलाई में अपना आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि महादेव ऐप सेवा अभी भी चालू है, लेकिन महादेव ऐप के प्रमोटरों ने ऑनलाइन सट्टेबाजी से संबंधित अपनी आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई रोकने के लिए विभिन्न पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ प्रभावशाली राजनीतिक हस्तियों से संरक्षण प्राप्त किया है। एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि सीबीआई राज्य पुलिस की चार्जशीट का भी विश्लेषण करेगी।

4 मार्च को बघेल के खिलाफ मामला तब दर्ज किया गया था जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ पुलिस को इस साल 8 और 30 जनवरी को अपने निष्कर्षों के आधार पर दो रेफरेंस भेजे थे, जिसमें राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता की ओर इशारा किया गया था, जो "प्रोटेक्शन मनी" के बदले महादेव ऐप की अवैध गतिविधियों की अनुमति दे रहे थे।

ईडी ने पिछले साल नवंबर में आरोप लगाया था कि चंद्राकर और उप्पल ने पूर्व मुख्यमंत्री को 508 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। दोनों आरोपी वर्तमान में यूएई में हिरासत में हैं और विदेश मंत्रालय (एमईए) के माध्यम से उनके प्रत्यर्पण के अनुरोध पहले ही भेजे जा चुके हैं। 

एफआईआर में कहा गया है, “महादेव बुक ऐप के प्रमोटरों ने पुलिस को उनकी अवैध गतिविधियों पर कोई कार्रवाई करने से रोकने के लिए विभिन्न पुलिस अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों और प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों को भारी मात्रा में प्रोटेक्शन मनी दी। यह पैसा हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचता था और फिर अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों तक पहुंचता था। इस तरह, कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करके प्रोटेक्शन मनी के रूप में खुद को लाभ पहुंचाया और अवैध संपत्ति बनाई।”

इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री की टिप्पणी के लिए एचटी ने बघेल के राजनीतिक सहयोगी से संपर्क किया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

ईडी ने इस मामले में दो आरोपपत्र दाखिल किए

ईडी ने इस मामले में अभी तक दो आरोपपत्र दाखिल किए हैं, जिनमें से एक चंद्राकर और उप्पल के खिलाफ है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि चंद्राकर ने फरवरी 2023 में यूएई के रास अल खैमाह में शादी की थी और इस आयोजन के लिए करीब 200 करोड़ रुपये नकद खर्च किए गए थे और अपने रिश्तेदारों को भारत से यूएई लाने के लिए निजी जेट किराये पर लिए गए थे और शादी में परफॉर्म करने के लिए मशहूर हस्तियों को पैसे दिए गए थे। ईडी के अनुसार, इस मामले में अपराध की अनुमानित आय करीब 6,000 करोड़ रुपये है, जिसने अब तक मामले में 572.41 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है।

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