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महादेव सट्टा ऐप केस में CBI की एंट्री, EOW और ED ने CBI को सौंपी केस डायरी

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित महादेव सट्टा मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। बताया जाता है कि ईडी और ईओडब्ल्यू में दर्ज केस की डायरी को अब सीबीआई के अधिकारियों के हवाले कर दिया गया है।

Krishna Bihari Singh लाइव हिन्दुस्तान, रायपुरWed, 15 Jan 2025 06:41 PM
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छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित महादेव सट्टा मामले में अब सीबीआई की एंट्री हो गई है। अब इस कथित घोटाले की जांच सीबीआई करेगी। पहले यह केस ईडी और आर्थिक अपराध शाखा के दायरे में था। ईडी और ईओडब्ल्यू में दर्ज केस की डायरी अब सीबीआई के अधिकारियों को सौंपी गई है। केस लेते ही सीबीआई ने जांच भी शुरू कर दी है। मामले की पड़ताल के लिए सीबीआई की स्पेशल टीम दिल्ली से छत्तीसगढ़ भेजी गई है। मामले में छह हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की कथित धोखाधड़ी का आरोप है।

सीबीआई कर सकती है छापेमारी

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली से आई स्पेशल सीबीआई की टीम जल्द ही अधिकारियों और नेताओं के घर दस्तक देगी। सूत्रों का कहना है कि मामले में कमीशन और प्रोटेक्शन मनी का पैसा लेने वाले कुछ अधिकारियों और नेताओं के घरों पर छापेमारी भी की जा सकती है। इससे पहले ईडी और ईओडब्ल्यू की टीमों ने कई नेताओं, अधिकारियों, पुलिस, मीडियाकर्मियों और व्यापारियों के यहां छापेमारी की थी। मामले में कई लोग अभी भी फरार चल रहे कुछ जेल में हैं।

अफसरों और नेताओं को हर महीने करोड़ों की प्रोटेक्शन मनी

ईडी और ईओडब्ल्यू ने आरोप लगाया था कि सट्‌टा बिना किसी रुकावट चलाने के लिए सिक्योरिटी मनी के तौर पर हर महीने एक से दो करोड़ रुपये दिए जा रहे थे। एक बड़े नेता पर भी गंभीर आरोप लगाया गया था। सट्टेबाजी एप के एक प्रमोटर ने दुबई से वीडियो जारी कर खुद इसका दावा किया था। आईटी के छापे और ईडी की रिपोर्ट में भी ये तथ्य सामने आए हैं, लेकिन गिरफ्तारी किसी की नहीं गई है। इसलिए सरकार ने सीबीआई जांच का फैसला लिया है।

अब तक इनकी हुई थी गिरफ्तार

ईडी ने 2022 में ECIR दर्ज किया था। इसमें सट्‌टेबाजी के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी, रवि उप्पल, अतुल अग्रवाल को आरोपी बनाया गया। जांच शुरू की गई। ईडी ने सिपाही, एएसआई रैंक के पुलिस कर्मियों, मीडिया से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके बाद हवाला कारोबारी, निवेशक, व्यापारी भी गिरफ्तार किए गए हैं। जांच में अधिकारियों और नेताओं के नाम सामने आए, लेकिन किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया।

ED के पास 6000 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत

चार्जशीट में कई नेताओं, ओएसडी, आईजी रैंक के दो अधिकारी, एसएसपी, एएसपी, टीआई रैंक के अधिकारी और विधायक का जिक्र था लेकिन कभी इनके घर पर छापा नहीं मारा गया। ईडी ने महादेव ऐप के मालिक, उनके परिवार, बिजनेस पार्टनर और प्रचार करने वाले सेलिब्रिटीज के लिए टिकटिंग का काम संभालने वाली ट्रैवल एजेंसी पर भी छापेमारी की थी।

417 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त

ईडी का कहना है कि सट्टेबाजी ऐप से कथित तौर पर अवैध कमाई करने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले हैं। सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल पर आरोप है कि वे दुबई से कारोबार संचालित कर रहे हैं। अब तक इस केस में ED ने 417 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की है। ईडी का दावा है कि उसे 6000 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिल चुके हैं। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कोलकाता में जांच का दायरा भी बढ़ाया गया था।

रिपोर्ट- संदीप दीवान

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