यूपी बोर्ड 9वीं और 10वीं के छात्रों को राहत, 4 विषयों का सिलेबस कम करेंगे NCERT एक्सपर्ट
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की गाइडलाइन के अनुरूप यूपी बोर्ड में कक्षा नौ और दस के विद्यार्थियों के लिए दस विषय का अध्ययन अनिवार्य किया गया है। स्टूडेंट्स का भार कम करने के लिए अब एनसीईआरटी एक्सपर्ट अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सोशल का सिलेबस कम करेंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ) 2023 की गाइडलाइन के अनुरूप यूपी बोर्ड में कक्षा नौ और दस के विद्यार्थियों के लिए दस विषय का अध्ययन अनिवार्य किया गया है। विषयों की संख्या बढ़ने से विद्यार्थियों पर अतिरिक्त दबाव न पड़े इसके लिए सभी विषयों के पाठ्यक्रम को संक्षिप्त करने पर सहमति बनी है। खास बात यह है कि हाईस्कूल स्तर पर चार मुख्य विषयों अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के विशेषज्ञ कम करेंगे। शेष विषयों का संक्षिप्तीकरण यूपी बोर्ड की विषय समिति में शामिल विशेषज्ञ करेंगे। पाठ्यक्रम में कटौती के समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि हाईस्कूल स्तर पर प्रत्येक विषय के पाठ्यक्रम में केवल बहुत आवश्यक आधारभूत जानकारी (ज्ञान) को ही सम्मिलित किया जाएगा।
दक्षता आधारित प्रश्नों की संख्या बढ़ाएंगे
विद्यार्थियों में रटने की प्रवृत्ति कम हो तथा वे किसी विषय में वास्तविक रूप से दक्ष हो एवं अपनी मौलिक सोच और विचार प्रकट कर सके इसके लिए प्रश्नपत्रों में दक्षता आधारित प्रश्नों की संख्या बढ़ाया जाना प्रस्तावित है। विद्यार्थियों को विद्यालय स्तर से ही दक्षता आधारित प्रश्नों का अभ्यास मिल सके इसके लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण कराया जाएगा। साथ ही बोर्ड परीक्षा में दक्षता आधारित प्रश्नों के समावेश के लिए बोर्ड के प्रश्न पत्र निर्माताओं का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
व्यावसायिक शिक्षा का एक वर्षीय पाठ्यक्रम
एनसीएफ के अनुरूप व्यवस्था में यूपी बोर्ड के विद्यार्थी कक्षा नौ में किसी एक और दस में दूसरे विषय का अध्ययन करेगा। अत: अब सभी ट्रेड के एक वर्षीय पाठ्यक्रम विकसित करने होंगे। इसके लिए विषय विशेषज्ञ पूर्व से संचालित कक्षा नौ व दस के पाठ्यक्रम को संक्षिप्त एवं एकीकृत करके नए एकवर्षीय पाठ्यक्रम का निर्धारण करेंगे। व्यावसायिक शिक्षा की निरंतरता बनाए रखने के लिए ऐसे ट्रेड्स जो वर्तमान में केवल इंटर स्तर पर ही उपलब्ध हैं, उनके हाईस्कूल स्तर पर भी एकवर्षीय पाठ्यक्रम विकसित किए जाएंगे।
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