UP Police Bharti : यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती के फिजिकल टेस्ट आज से, कलाई घड़ी बैन, 4.8 Km की दौड़
- यूपी पुलिस भर्ती के फिजिकल टेस्ट सफल होने के लिए पुरुष उम्मीदवारों को 25 मिनट में 4.8 किमी की दौड़ पूरी करनी होगी वहीं महिला उम्मीदवारों को 14 मिनट में 2.4 किमी की दौड़ पूरी करना अनिवार्य होगा।
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UP Police Constable PET : उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एंव प्रोन्नति बोर्ड कांस्टेबल भर्ती की शारीरिक दक्षता परीक्षण (पीईटी) आज से शुरू करने जा रहा है। इस फिजिकल टेस्ट में अभ्यर्थी कलाई घड़ी का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। हालांकि भर्ती बोर्ड ने पीईटी में डिजिटल घड़ी की सुविधा मुहैया कराने का फैसला किया है। दौड़ के ग्राउंड में बड़ी डिजिटल घड़ी लगी होगी। पीएसटी डीवी में सफल होने वालों को ही फिजिकल टेस्ट के लिए बुलाया गया है। फिजिकल टेस्ट सफल होने के लिए पुरुष उम्मीदवारों को 25 मिनट में 4.8 किमी की दौड़ पूरी करनी होगी वहीं महिला उम्मीदवारों को 14 मिनट में 2.4 किमी की दौड़ पूरी करना अनिवार्य होगा।
शेष अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड आज
अभी सिर्फ उन्हीं अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) के एडमिट कार्ड जारी किए गए हैं जिनका डीवी पीएसटी 24 जनवरी 2025 तक पूरा हो चुका था। उन अभ्यर्थियों के पीईटी एडमिट कार्ड अभी जारी नहीं किए गए हैं जिनके दस्तावेजों की वेरिफिकेशन की प्रक्रिया अभी चल रही है। पीईटी के दूसरे चरण में 10 फरवरी 2025 से उन अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड डाउनलोड के लिए उपलब्ध होंगे, जिनका डीवी पीएसटी 24 जनवरी 2025 के बाद संपन्न हुआ है। इनमें उन अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड भी उपलब्ध होंगे, जिनके प्रमाण पत्र की सत्यापन आख्या बोर्ड का प्राप्त हो जाएगी और उसके मुताबिक वे योग्य पाए जाएंगे।
सफल अभ्यर्थियों की 9 महीने एक साथ होगी ट्रेनिंग
यूपी पुलिस 60,244 सिपाहियों की भर्ती में सफल अभ्यर्थियों की 9 महीने तक एक साथ ट्रेनिंग होगी। डीजीपी प्रशांत कुमार ने मंगलवार को समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने निर्देश दिए कि महिला रिक्रूटों की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाए। साथ ही साइबर क्राइम से निपटने और साक्ष्य उठाने के नए तरीके इन अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग में बताये जाएं।
डीजीपी ने कहा कि यह प्रदेश की सबसे बड़ी सीधी भर्ती है। इसमें अंतिम चरण की परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का चरित्र सत्यापन उनके गृह जिलों से कराया जाएगा। इसमें सही पाए अभ्यर्थियों की एक महीने की प्रारम्भिक ट्रेनिंग (जेटीसी) सभी 75 जिलों में होगी। इसके बाद नौ महीने की आधारभूत ट्रेनिंग अन्य सेन्टरों पर कराई जाएगी।
इसके अलावा उन्होंने निर्देश दिए कि ट्रेनिंग के लिए सभी संसाधन जुटा लिए जाए। ट्रेनिंग को आधुनिक बनाने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाए। यह अवश्य ध्यान रखा जाए कि इन रिक्रूटों को तीन नए कानूनों के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाए। इन रिक्रूटों के लिए आवास की व्यवस्था ठीक से कर ली जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि इन रिक्रूटों को आम नागरिकों से अच्छा व्यवहार करने की सीख जरूर दी जाए। ट्रेनिंग के दौरान अस्पताल में सभी व्यवस्था सही रहे ताकि जरूरत पड़ने पर इन अस्पतालों का प्रारम्भिक इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
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