शिक्षक भर्ती में NIOS DElEd के नाम पर अपात्रों ने ली नियुक्ति, 2017 से पहले के TET पास नहीं थे योग्य
उत्तराखंड बेसिक शिक्षक भर्ती में एनआईओएस डीएलएड को शामिल करने की छूट का लाभ उठाकर कई अपात्र भी काउंसलिंग में शामिल हो गए हैं। जबकि 2017 से पहले के TET पास अभ्यर्थी इसके लिए योग्य नहीं थे।

उत्तराखंड बेसिक शिक्षक भर्ती में एनआईओएस डीएलएड को शामिल करने की छूट का लाभ उठाकर कई अपात्र भी काउंसलिंग में शामिल हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 24 मई को हुई एनआईओएस और सरकारी डायट डीएलएड की संयुक्त काउंसलिंग में ऐसे कुछ लोगों को नियुक्ति पत्र भी मिल गए। ये वो लोग हैं जिन्होंने एनआईओएस के मार्फत डीएलएड तो वर्ष 2017 ये 19 के बीच किया, लेकिन टीईटी का प्रमाणपत्र वर्ष 2013 का लगाया है। मामले का खुलासा होने पर बेसिक शिक्षा निदेशक अजय कुमार नौडियाल ने प्रदेश के सभी डीईओ-बेसिक को ऐसे सभी मामलों को चिह्नित कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। फिलहाल प्रदेश में ऐसे 50 के करीब मामले निदेशालय की जानकारी में आए हैं। इनकी संख्या अभी बढ़ सकती है
यूं हुआ खुलासा
24 मई की काउंसलिंग में कुछ अभ्यर्थियों ने वर्ष 2017 से पहले टीईटी पास करने के प्रमाणपत्र आवेदन पत्र के साथ लगा दिए थे। जबकि वर्ष 2017-2019 का 18 माह का डीएलएड प्रशिक्षण ऐसे कार्यरत शिक्षकों के लिए था जो 23-08-2010 तक न्यूनतम अर्हता पूरी नहीं कर पा रहे थे। इनका प्रशिक्षण वर्ष 2017-19 की अवधि में कराया गया था। इस अवधि से पहले टीईटी-1 का प्रमाणपत्र प्राप्त संदेह के दायरे में आ गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यदि किसी अन्य योग्यता के आधार पर टीईटी का प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया है, तो भी ऐसे अभ्यर्थियों ने वर्ष 2017-19 का एनआईओएस डीएलएड के प्रशिक्षण में इस तथ्य को छिपा लिया। यह पूरी तरह से गैरकानूनी है।
न काउंसलिंग के पात्र न ही डीएलएड के
बेसिक शिक्षा निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य में एनआईओएस डीएलएड को बेसिक शिक्षक भर्ती के लिए मान्य नहीं था। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिसंबर 2024 और फिर पांच मार्च 2025 को दिए आदेश में एनआईओएस डीएलएड को बेसिक शिक्षक के लिए आवश्यक शैक्षिक योग्यता के लिए मान्य कर दिया था। इसके आधार पर ही 24 मई को काउंसलिंग की गई थी। इसमें 2017 से पहले टीईटी पास कर चुके एनआईओएस डीएलएड शामिल होने के पात्र नहीं हैं।
यह है मामला
बच्चों के लिए अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 (आरटीई) के लागू होने पर बेसिक कक्षाओं के शिक्षकों के लिए मानक तय किए गए। इसके लिए बीएएड व टीईटी अथवा डीएलएड व टीईटी होना अनिवार्य किया गया। जो शिक्षक सरकारी और निजी स्कूलों में पहले से कार्यरत थे, उन्हें निर्धारित अहर्ताएं पूरी करने के लिए वर्ष 2019 तक का वक्त मिला था। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (स्कूल एवं साक्षरता) ने 10 अगस्त 2017 या पहले से कार्यरत शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान-एनआईओएस से दूरस्थ शिक्षा के जरिए डीएलएड प्रशिक्षण कराये जाने की व्यवस्था की।