प्राथमिकता के आधार पर भरें जाए पुलिस बल के रिक्त पद : हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि आम जनता का आपराधिक न्याय व्यवस्था ( क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) में विश्वास बना रहे, यह सबसे आवश्यक है। जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह की खंडपीठ ने राज्य पुलिस
पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि आम जनता का आपराधिक न्याय व्यवस्था ( क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) में विश्वास बना रहे, यह सबसे आवश्यक है। जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह की खंडपीठ ने राज्य पुलिस द्वारा सही ढंग से स्तरीय जांच नहीं किये जाने के मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था। उस पर शनिवार को फैसला सुनाया गया।
अधिवक्ता ओम प्रकाश की जनहित याचिका पर फैसला देते हुए अदालत ने कहा कि राज्य में पुलिस बल में रिक्त पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाए। कोर्ट ने पुलिसकर्मियों के वर्तमान प्रशिक्षण को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि आज जिस तरह के अपराध हो रहे हैं, उसके मद्देनजर पुलिसकर्मियों को व्यवहारिक, स्तरीय और प्रभावी प्रशिक्षण की जरूरत है।
कोर्ट ने अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए और सख्त कार्रवाई करने पर जोर दिया। पुलिस की जांच प्रक्रिया को प्रभावी और व्यावहारिक बनाने को कहा, ताकि अपराधियों में कानून का भय हो। कोर्ट ने इस आदेश की प्रति मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी को भेजने का भी आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान बिहार पुलिस एकेडमी के निदेशक ने कोर्ट को बताया कि पुलिस अधिकारियों को जांच और अन्य आपराधिक मामलों को सुलझाने की प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया जाता है। पुलिस आधुनिकीकरण के एडीजी केके सिंह ने कोर्ट को बताया था कि पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण पर जोर है। त्रुटियों पर कार्रवाई की जा रही है। फॉरेंसिक लैब में आवश्यक सुधार और सुविधाएं उपलब्ध कराने की जरूरत है।
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