Hindi Newsकरियर न्यूज़UPSESSB Teacher Recruitment: there is no teacher vacancy notification to be released for primary and sanskrit school

UPSESSB यूपी में सबसे बड़ी शिक्षक भर्ती: उत्तर प्रदेश के इन टीचरों के लिए बुरी खबर

उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त हाईस्कूल एवं इंटर कॉलेजों से संबद्ध प्राइमरी और संस्कृत विद्यालयों की शिक्षक भर्ती के लिए बेरोजगारों को इंतजार करना होगा। इन स्कूलों में शिक्षक भर्ती की जिम्मेदारी...

Pankaj Vijay वरिष्ठ संवाददाता, प्रयागराजSat, 31 Aug 2019 12:12 PM
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उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त हाईस्कूल एवं इंटर कॉलेजों से संबद्ध प्राइमरी और संस्कृत विद्यालयों की शिक्षक भर्ती के लिए बेरोजगारों को इंतजार करना होगा। इन स्कूलों में शिक्षक भर्ती की जिम्मेदारी सरकार ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को दी है। लेकिन चयन बोर्ड ने 7 अगस्त तक रिक्त पदों की जो ऑनलाइन सूचनाएं ली हैं, उसमें इन स्कूलों को बाहर रखा है। लिहाजा 973 संस्कृत विद्यालय एवं महाविद्यालय में रिक्त सहायक अध्यापकों के 978 और 573 संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में खाली शिक्षकों के सैकड़ों पदों की भर्ती निकट भविष्य में शुरू होने के आसार नहीं हैं। प्रदेशभर के 973 संस्कृत विद्यालयों में से लखनऊ और सोनभद्र के स्कूलों में खाली शिक्षकों के पद की सूचना मिलना बाकी है। 

प्रधानाचार्यों के भी 200 से अधिक पद खाली चल रहे हैं। यह स्थिति तब है जबकि वर्ष 1994 से माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों में कोई नियुक्ति नहीं की गई है। प्रयागराज में ही 42 विद्यालयों में 14 विद्यालय शिक्षक विहीन हैं। लगभग एक दर्जन से अधिक संस्कृत विद्यालय में एक शिक्षक हैं। शिक्षकों की कमी के कारण संस्कृत शिक्षण बुरी तरह प्रभावित है।

गौरतलब है कि सरकार ने 18 फरवरी 2019 को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की नियमावली में पांचवां संशोधन करते हुए संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के चयन का अधिकार प्रबंधकों से छीनकर चयन बोर्ड को दे दिया था। इसके तहत अब केवल लिखित परीक्षा के आधार पर (साक्षात्कार नहीं) संबद्ध प्राइमरी के शिक्षकों का चयन होना है।

चयन बोर्ड की सुस्त चाल से भटक रहे बेरोजगार
चयन बोर्ड की सुस्त चाल के कारण बेरोजगारों के पास सड़क पर भटकने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। पिछले साल अप्रैल में अध्यक्ष वीरेश कुमार और सदस्यों की नियुक्ति हुई थी। सालभर से अधिक का समय बीत चुका है और चयन बोर्ड प्रदेश के 4300 से अधिक सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों से शिक्षकों व प्रधानाचार्यों की सिर्फ सूचनाएं ही जुटा सका है। अक्टूबर में शुरू हो रही टीजीटी-पीजीटी भर्ती के लिए दो साल का कार्यक्रम प्रस्तावित किया है जिस पर उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा तक असंतोष जता चुके हैं। 

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