Hindi Newsकरियर न्यूज़UPSC NDA Exam : Supreme Court notice to central government on issue of exclusion of female candidates from joining NDA

NDA परीक्षा में महिला उम्मीदवारों को शामिल नहीं करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का UPSC और केंद्र सरकार को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र और अन्य को उस याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में योग्य एवं इच्छुक महिला उम्मीदवारों को शामिल नहीं करने का मुद्दा उठाया...

Pankaj Vijay एजेंसी, नई दिल्लीWed, 10 March 2021 06:02 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र और अन्य को उस याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में योग्य एवं इच्छुक महिला उम्मीदवारों को शामिल नहीं करने का मुद्दा उठाया गया है। याचिका में कहा गया है कि महिलाओं को केवल लिंग के आधार पर एनडीए में शामिल नहीं किया जाता है जो समानता के मौलिक अधिकारों का कथित उल्लंघन है। याचिका में संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का आग्रह किया गया है कि योग्य महिला उम्मीदवारों को 'राष्ट्रीय रक्षा अकादमी' और 'नौसेना अकादमी परीक्षा' में बैठने और एनडीए में प्रशिक्षण देने की अनुमति दी जाए।
         
प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और अन्य को नोटिस जारी कर याचिका पर उनसे जवाब मांगा। याचिका में कहा गया है, ''योग्य महिला उम्मीदवारों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से लगातार बाहर रखना संवैधानिक रूप से उचित नहीं है और ऐसा महज उनके लिंग के आधार पर किया जाता है।

पीठ में न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यन भी शामिल थे। पीठ ने इस मामले में पक्षकार बनाने के लिये उत्तर प्रदेश की एक महिला की तरफ से दायर आवेदन भी स्वीकार कर लिया। 
         
याचिका में सुप्रीम कोर्ट के महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने वाले फैसले का जिक्र
वकील कुश कालरा की तरफ से दायर याचिका में पिछले वर्ष फरवरी के ऐतिहासिक फैसले का जिक्र किया गया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने सेना की महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन और कमान पदस्थापन देने का निर्देश दिया था। याचिका में कहा गया कि अधिकारी बारहवीं परीक्षा पास अविवाहित पुरुष उम्मीदवारों को 'राष्ट्रीय रक्षा अकादमी एवं नौसेना अकादमी की परीक्षा में बैठने की अनुमति देते हैं लेकिन योग्य एवं इच्छुक महिला उम्मीदवारों को परीक्षा देने की अनुमति महज लिंग के आधार पर नहीं देते हैं। इसमें संविधान के तहत कोई उचित कारण भी नहीं दिए जाते हैं।

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