UPHESC : हाईकोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती मूल्यांकन में गड़बड़ी के मांगे साक्ष्य
अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या 50 के तहत संस्कृत, अर्थशास्त्र, शारीरिक शिक्षा, गणित व गृह विज्ञान विषयों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के मूल्यांकन में गड़बड़ी की जांच अंति
अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या 50 के तहत संस्कृत, अर्थशास्त्र, शारीरिक शिक्षा, गणित व गृह विज्ञान विषयों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के मूल्यांकन में गड़बड़ी की जांच अंतिम चरण में है। अभ्यर्थियों के अनुरोध और हाईकोर्ट में योजित याचिकाओं के क्रम में उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा ने तथ्यात्मक अन्वेषण के लिए रायबरेली के अवकाश प्राप्त जनपद न्यायाधीश राजबहादुर सिंह की अध्यक्षता में एकल जांच समिति गठित की थी।
आयोग के उप सचिव डॉ. शिवजी मालवीय के अनुसार प्रश्नगत प्रकरण से संबंधित जांच के लिए यदि किसी अभ्यर्थी को अपनी बात समिति के समक्ष प्रस्तुत करनी है तो वे अपना शपथपत्र से समर्थित लिखित कथन या साक्ष्य कार्यालय कार्य अवधि में तीन फरवरी तक जमा कर सकते हैं। तीन फरवरी के बाद लिखित कथन या साक्ष्य पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। विज्ञापन संख्या 50 के मूल्यांकन में गड़बड़ी के कारण पांच विषयों के 20 से अधिक चयनित अभ्यर्थी प्रभावित हुए हैं।
हाईकोर्ट के आदेश पर आयोग संशोधित परिणाम भी जारी कर चुका है। हालांकि संशोधित परिणाम को लेकर भी कोर्ट में याचिकाएं दायर हैं और आगे की प्रक्रिया पर रोक लगी हुई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर परिणाम में गड़बड़ी के दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है।
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