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up pcs j result : 3 साल की LLB पर भारी पड़ रहा है 5 वर्षीय BA LLB

सिविल जज जूनियर डिवीजन के पद पर चयन के लिए होने वाली लोक सेवा आयोग की पीसीएस जे परीक्षा में पांच वर्षीय विधि यानी बीएएलएलबी के विद्यार्थियों का दबदबा बढ़ रहा है। पीसीएस जे 2018 के चयनितों में...

मुख्य संवाददाता प्रयागराजMon, 22 July 2019 06:01 AM
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सिविल जज जूनियर डिवीजन के पद पर चयन के लिए होने वाली लोक सेवा आयोग की पीसीएस जे परीक्षा में पांच वर्षीय विधि यानी बीएएलएलबी के विद्यार्थियों का दबदबा बढ़ रहा है। पीसीएस जे 2018 के चयनितों में बीएएलएलबी करने वालों की संख्या त्रिवर्षीय विधि पाठ्यक्रम यानी एलएलबी की तुलना में काफी ज्यादा है। आयोग की तरफ से इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा तो जारी नहीं किया जाता है पर रिजल्ट के रुझान से स्पष्ट है कि चयनितों में एलएलबी की तुलना में बीएएलएलबी पास अभ्यर्थियों की संख्या काफी ज्यादा है। एक और खास बात यह है कि मेरिट में बेहतर स्थान पाने वालों में बीएएलएलबी के विद्यार्थियों की संख्या काफी अधिक है। पांचवें स्थान पर चयनित गोंडा के गंधर्व पटेल, नौवां स्थान पाने वाले शिवकुटी (प्रयागराज) के श्रेयांस निरंजन, 14वें स्थान पर चयनित शामली मित्तल, 95वां स्थान पाने वाले अभिनव यादव सहित कई ऐसे नाम हैं, जिन्होंने बीएएलएलबी किया था।

विधि पर फोकस होती है इनकी पढ़ाई
इलाहाबाद विश्वविद्यालय विधि विभाग के शिक्षक डॉ. हरिबंश सिंह कहते हैं कि एलएलबी और बीएएलएलबी के छात्रों में सबसे बड़ा अंतर यह है कि बीएएलएलबी के छात्रों का इंटर के बाद विधि की पढ़ाई पर ही फोकस होता है और उनके पास विधि के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होता, जबकि एलएलबी का छात्र पीसीएस जे भी देता है, पीसीएस भी देता है और बैंक-पीओ में भी बैठता है। इस बार चयनितों की संख्या ज्यादा होने के संबंध में डॉ. हरिबंश कहते हैं कि अब बीएएलएलबी करने वालों की संख्या पहले की तलुना में काफी ज्यादा हो चुकी है। इसलिए पीसीएस जे में उनकी भागीदारी के साथ चयन भी बढ़ा है।

माध्यम का भी पड़ रहा असर
एलनगंज चौराहा स्थित विधि की कोचिंग जूडीशियल स्टडी सेंटर के निदेशक आरएन राय कहते हैं कि विधि के छात्रों के आधिकाधिक चयन में माध्यम की भी अहम भूमिका है। बीएएलएलबी के छात्र परीक्षा में अंग्रेजी माध्यम को चुनते हैं क्योंकि ज्यादातर की पढ़ाई का माध्यम यही है। एलएलबी वाले ज्यादातर अभ्यर्थी हिन्दी माध्यम के होते हैं। मूल्यांकन के वक्त हिन्दी के बजाए अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों को अधिक महत्व मिलता है। इस बार पीसीएस जे में सर्वाधिक 610 पद थे इसलिए भी बीएएलएलबी करने वालों की संख्या पहले की तुलना में ज्यादा दिख रही है।

इविवि के छात्रों की संख्या अधिक
पीसीएस जे 2018 के चयनितों में इविवि के छात्रों की संख्या काफी ज्यादा है। चयनितों में एलएलबी के भी छात्र हैं पर बीएएलएलबी करने वाले उनसे काफी अधिक हैं। इविवि में बीएएलएलबी कोर्स 2006 में शुरू हुआ था। इस कोर्स के छात्रों का प्लेसमेंट रिकॉर्ड बहुत अच्छा है। यहां के छात्र बड़ी कार्पोरेट कंपनियों में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कोर्स की बढ़ती मांग को देखते हुए पिछले वर्ष से इविवि से संबद्ध सीएमपी डिग्री कॉलेज में भी बीएएलएलबी शुरू हुआ तो इस वर्ष से एसएस खन्ना गर्ल्स डिग्री कॉलेज में इस पाठ्यक्रम की शुरुआत हुई। ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज में इस पाठ्यक्रम को शुरू करने के लिए इविवि से मंजूरी मिल चुकी है पर अभी बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मंजूरी नहीं मिली है। आर्य कन्या गर्ल्स डिग्री कॉलेज की ओर से इस पाठ्यक्रम को शुरू करने का प्रस्ताव इविवि के पास भेजा गया है।

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