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यूपी 68,500 शिक्षक भर्ती: सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में शासनादेश के अनुसार पांच दिसंबर तक फिर से जांची जानी है कॉपी

परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा का पुनर्मूल्यांकन तय समय पर संभव नहीं है। शासनादेश में कॉपियों की दोबारा जांच के लिए 5 दिसंबर तक की समय सीमा तय की...

वरिष्ठ संवाददाता प्रयागराज | Thu, 29 Nov 2018 08:04 AM
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परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा का पुनर्मूल्यांकन तय समय पर संभव नहीं है। शासनादेश में कॉपियों की दोबारा जांच के लिए 5 दिसंबर तक की समय सीमा तय की गई है जो इतने कम समय में होना नामुमकिन है।

शासन की ओर से गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी साबित होने के बाद 11 से 20 अक्तूबर तक पुनर्मूल्यांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे। परीक्षा में सम्मिलित 30751 अभ्यर्थियों ने दोबारा जांच के लिए अनुरोध किया है। सैकड़ों अभ्यर्थियों की कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन के आदेश हाईकोर्ट ने भी दिए हैं।

वहीं परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने यह कहते हुए पुनर्मूल्यांकन से इनकार कर दिया है कि उसी ने पहली बार कॉपियां जंचवाई थी जिसमें इतनी गड़बड़ी मिली। फिर उन्हीं शिक्षकों से कॉपियां जंचवाने का कोई औचित्य नहीं है। इसके बाद राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को दोबारा कॉपियों की जांच करवाने की जिम्मेदारी दी गई है। 

इसका शासनादेश भी जारी हो चुका है। लेकिन परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से उन अभ्यर्थियों की कॉपियां छांटकर एससीईआरटी नहीं भेजी गई है जिनकी कॉपियां दोबारा जांची जानी है। शासनादेश के अनुसार 10 दिन भी नहीं बचा है। लिहाजा इतने कम समय में 30 हजार से अधिक कॉपियों की दोबारा संभव नहीं दिख रही।

वैसे भी इस मामले में हाईकोर्ट से सीबीआई जांच के आदेश होने के बाद से अफसर इस भर्ती से जुड़े किसी काम में हाथ लगाना नहीं चाह रहे हैं। इसका सबसे अधिक नुकसान उन अभ्यर्थियों को हो रहा है जिन्होंने लिखित परीक्षा में पेपर बहुत अच्छा किया था लेकिन परिणाम में फेल हो गये। 

जांच कमेटी की रिपोर्ट पर परिणाम में फेल 45 अभ्यर्थियों को बाद में *पास तो कर दिया गया लेकिन इन्हें भी नौकरी नहीं मिल सकी है। बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्हें न्याय नहीं मिल सका है।

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