अजब व्यवस्था! जिन स्कूलों में कॉमर्स के शिक्षक वहां सीट ही नहीं
बिहार में कई ऐसे माध्यमिक या उच्च माध्यमिक विद्यालय है जहां कॉमर्स के शिक्षक तो तैनात हैं पर कॉमर्स की सीटें नहीं हैं। मुजफ्फरपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में एक से तीन शिक्षक तक पदस्थापित ह
मुजफ्फरपुर जिले के मड़वन के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बड़कागांव में कॉमर्स के दो, राजकीयकृत श्री लखचन्द्र उच्च माध्यमिक विद्यालय में भी दो और मोतीपुर के राजकीयकृत आरबी उच्च माध्यमिक विद्यालय में तीन शिक्षक पदस्थापित हैं, लेकिन यहां सीट शून्य है। ऐसे स्कूलों की संख्या जिले में 116 है, जहां कॉमर्स में शिक्षक हैं, लेकिन दाखिले के लिए सीट नहीं है।
जिले में ग्रामीण क्षेत्रों के 158 स्कूलों में कॉमर्स के शिक्षक नियुक्त हुए, जिनमें 116 स्कूल ऐसे हैं जहां कॉमर्स की सीट नहीं है। बीपीएससी से दो चरणों की नियुक्ति में 158 स्कूलों में 1-3 की संख्या में शिक्षकों का पदस्थापन हुआ है। इनमें 42 प्लस 2 स्कूल में ही कॉमर्स की सीट है। इंटर में कॉमर्स की पढ़ाई में दिक्कत की खबर आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान में प्रकाशित होने के बाद सभी स्कूलों से इसपर रपोर्ट ली गई है। रिपोर्ट के आधार पर स्कूलों की सूची बिहार बोर्ड को भेजी गई है। डीईओ अजय कुमार सिंह ने इन स्कूलों में 4640 सीट आवंटित किए जाने को लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को पत्र लिखा है।
डीईओ ने बोर्ड से मांग की है कि इस सत्र से कॉलेजों में नामांकन बंद कर दिया गया है और इन स्कूलों में कॉमर्स में नामांकन की अनुमति नहीं होने के कारण शिक्षक रहते हुए भी इंटर की पढ़ाई में समस्या आ गई है। सीट आवंटन की तत्काल अनुमति देने की मांग की गई है ताकि इस सत्र में नामांकन लिया जा सके। हालांकि, इंटर में नामांकन को लेकर पहले चरण के लिए आवेदन करने की तिथि 26 अप्रैल तक ही थी।
कुढ़नी और मोतीपुर में सबसे अधिक ऐसे स्कूल
कुढ़नी और कांटी में सबसे अधिक ऐसे स्कूल हैं, जहां शिक्षक हैं, लेकिन सीट नहीं है। कुढ़नी में ऐसे स्कूलों की संख्या 21 और कांटी में 11 है। इसके बाद मोतीपुर है, जहां ऐसे स्कूलों की संख्या 15 है। मुशहरी में ऐसे स्कूल 13 हैं। इन स्कूलों में बच्चे चाहकर भी नामांकन नहीं ले सकेंगे।
एक प्लस 2 स्कूल में 40 सीट की मांगी अनुमति
एक प्लस 2 स्कूल में 40 सीटों पर अभी नामांकन की अनुमति मांगी गई है। डीईओ ने कहा कि पहले चरण में 40-40 सीट आवंटित कराए जाने का प्रयास किया जा रहा ताकि बच्चों की पढ़ाई शुरू हो सके।
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